आसनसोल: पश्चिम बर्दवान जिले में तृणमूल के टिकट पर लगातार तीन बार जीतकर हैट्रिक लगाने वाले विधायक उज्ज्वल चटर्जी ने चौथी बार कुल्टी विधानसभा सीट से तृणमूल उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया. वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2021 में उनकी चल संपत्ति में चार गुना और उनकी पत्नी की चल संपत्ति ढ़ाई लाख से बढ़कर 44 लाख से अधिक हो गयी है. उनके दो आश्रितों के चल संपत्ति में भारी बढ़ोतरी हुई है. उनके और परिवार के किसी सदस्य के पास कोई भी अचल संपत्ति नहीं है.
उनका अपना मकान भी नहीं है. पांच साल में श्री चक्रवती का परिवार लखपति से करोड़पति बन गया. श्री चटर्जी ने मंगलवार को दाखिल अपने नामांकन पत्र के साथ दिये गये एफिडेविट में खुलासा किया कि उनके पास 75,64,164 रुपये की चल संपत्ति है, जिसमें 90 हजार रुपये मूल्य का सोना बाकी सब नकदी विभिन्न बैंकों में है. कैश इन हैंड 25,634 रुपये है. उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है और कोई आपराधिक मामला भी दर्ज नहीं है.
उनकी पत्नी के पास कुल 44,33,210 रुपये की चल संपत्ति है, जिसमें साढ़े चार लाख रुपये मूल्य का सोना और बाकी नकदी बैंक और कैश इन हैंड है. उनके आश्रित एक के पास 5,26,998 रुपये और दूसरे आश्रित के पास 90 हजार रुपये की चल संपत्ति है. किसी के नाम पर कोई जमीन या घर नहीं है. वर्ष 2016 में श्री चटर्जी ने जो एफिडेविट दाखिल किया था, उसमें उन्होंने बताया था कि उनके पास 20,69,808 रुपये की चल संपत्ति है.
उनकी पत्नी के पास उस दौरान सिर्फ ढ़ाई लाख रुपये मूल्य की, उनके प्रथम आश्रित के पास 1,65,000 रुपये मूल्य की और दूसरे आश्रित के पास 50 हजार रुपये मूल्य की चल संपत्ति थी. एक बार भी नहीं हारे हैं चुनाव : कुल्टी के विधायक उज्ज्वल चटर्जी जिले में एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने कभी कोई चुनाव नहीं हारा है. वर्ष 1994 में कुल्टी नगरपालिका में पहली बार फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ा और उन्हें जीत मिली.
नगरपालिका के चेयरमैन बने. वर्ष 1999 में पार्षद का चुनाव उन्होंने आरएसपी की टिकट पर लड़ा, दूसरी बार भी उन्हें जीत मिली और दूसरी बार नगरपालिका के चेयरमैन बने. वर्ष 2004 में वे तृणमूल में आ गये और तृणमूल की टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ा, यहां भी उन्हें जीत मिली. पूर्ण बहुमत नहीं आने के कारण कांग्रेस के समर्थन से बोर्ड गठन हुआ और श्री चटर्जी तीसरी बार चेयरमैन बने. यह बोर्ड डेढ़ साल में गिर गयी, बाममोर्चा के समर्थन से विमान आचार्य चेयरमैन बने.
डेढ़ साल बाद यह भी बोर्ड गिर गयी और उज्ज्वल चटर्जी के समर्थन से मधुरकांत शर्मा चेयरमैन बने. वर्ष 2009 में पुनः श्री चटर्जी कुल्टी नगरपालिका के चेयरमैन बने. वर्ष 2015 में कुल्टी नपा का विलय आसनसोल नगर निगम में हो गया. इस बीच वर्ष 2006 में तृणमूल के टिकट पर पहली बार कुल्टी के विधायक बने. वर्ष 2006 में आसनसोल और दुर्गापुर महकमा अंतर्गत नौ विधानसभा सीटों में एकमात्र तृणमूल उम्मीदवार श्री चटर्जी को जीत मिली. इसके बाद से 2011 और 2016 के चुनाव में जीत डेढ़ कर हैट्रिक लगायी. वे आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण के उप चेयरमैन भी हैं. जिले में तृणमूल के ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने हैट्रिक लगायी है.
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Posted By- Aditi Singh