कोलकाता: बिहार में महागठबंधन के तहत चुनाव लड़नेवाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पश्चिम बंगाल में अपने बिहार की सहयोगी कांग्रेस और वामपंथियों के साथ जाने की बजाय तृणमूल कांग्रेस के साथ चला गया है. हालांकि प्रदेश इकाई पहले की तरह इस बार भी वामपंथियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के पक्ष में थी.
इस बाबत प्रदेश अध्यक्ष वृंदा राय के साथ वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बसु की कई दौर की बात भी हो चुकी थी. इस बीच, राजद के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव ने सीधे तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात कर उन्हें अपना पूरा समर्थन देने का एलान कर दिया. पर राजद के खाते में एक भी सीट नहीं आयी.
वहीं, राजद के प्रदेश अध्यक्ष वृंदा राय को बदलने की मांग पर पार्टी के अंदर बगावत तेज हो गयी है. बगावत का नेतृत्व हरिंदर चौधरी कर रहे हैं. उनके साथ पार्टी के राज्य परिषद व राष्ट्रीय परिषद के कई सदस्यों के अलावा कई जिलाध्यक्ष भी हैं. इन लोगों ने ज्ञापन लेकर राजद के वरिष्ठ नेताओं से पटना में मुलाकात भी की और पार्टी हित में लंबे समय से बीमार चल रहे वृंदा राय को हटाने की मांग की.
हरिंदर चौधरी को बीते दिनों प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश महासचिव पद से हटा दिया था, तभी से उनके समर्थक लगातार वृंदा राय को हटाने की मुहिम में लगे हैं. हालांकि अंतिम फैसला लालू प्रसाद की सहमति पर तेजस्वी यादव लेंगे. लिहाजा बगावती नेता तेजस्वी के पश्चिम बंगाल दौरे का इंतजार कर रहे हैं.
उधर, पार्टी के अंदर चल रही बगावत के बारे में जब वृंदा राय से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह की राजनीति कर रहे हैं, उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. वह राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं और सक्रियता से पार्टी का काम-काज देख रहे हैं. उन्हें इस तरह की पार्टी विरोधी गतिविधियों से कोई असर नहीं पड़नेवाला है. उन्होंने कहा : पार्टी हित में जो भी बेहतर होगा, मैं करूंगा.
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Posted By- Aditi Singh