कोलकाता: बंगाल विधानसभा चुनाव की चर्चित सीटों में शामिल है विधाननगर विधानसभा क्षेत्र. इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस से दो बार निर्वाचित राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बोस का सामना इस बार सत्ताधारी पार्टी से पाला बदल कर भाजपा में गये पूर्व मेयर सब्यसाची दत्त से हो रहा है. तृणमूल में रहते हुए सब्यसाची दत्त का सुजीत बोस के साथ शीतयुद्ध रहा है. विधाननगर में एक ही पार्टी के इन दोनों नेताओं के गुटों में कई बार विवाद हुए, पर कभी दोनों खुल कर आमने-सामने नहीं हुए थे.
Also Read: Ground ZERO Nandigram: मैं हूं ब्रांड ‘नंदीग्राम’… बंगाल चुनाव की हॉट सीट की कहानी, आंखों की जुबानी…
अब चुनावी लड़ाई में दोनों एक-दूसरे के खिलाफ हैं. इस सीट पर मंत्री और पूर्व मेयर के बीच कड़ा मुकाबला है. तृणमूल छोड़ कर सब्यसाची दत्त के भाजपा में जाने से यहां भगवा शिविर मजबूत हुआ है. मंत्री सुजीत बोस अपनी जीत के हैट्रिक के लिए जोरशोर से जुटे हैं. वहीं, भाजपा से सब्यसाची भी पूरा दम लगा रहे हैं. इस सीट पर संयुक्त मोर्चा के घटक दल का भी प्रत्याशी है. विधाननगर सीट पर कुल आबादी लगभग तीन लाख है, जिसमें करीब ढाई लाख मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता लगभग 50.54 प्रतिशत और महिला मतदाता करीब 49.45 प्रतिशत हैं.
तृणमूल में रहते हुए सब्यसाची दत्त 2015 में विधान नगर नगर निगम के चुनाव में विजयी हुए. विधाननगर के मेयर बनने की रेस में सुजीत बोस व कृष्णा चक्रवर्ती भी थे. दोनों को पछाड़ते हुए सब्यसाची ही मेयर पद पर आसीन हुए. इसके बाद से ही तृणमूल कांग्रेस में सुजीत बोस व सब्यसाची दत्त के समर्थकों में खींचतान होने लगी थी, जो काफी समय तक चली. यहां तृणमूल की अंदरूनी लड़ाई बढ़ती गयी और कई बार चरम गुटबाजी के चलते सब्यसाची व सुजीत खेमे में मारपीट भी हुई.
इन विवादों के कारण पिछले आम चुनाव के बाद से तृणमूल कांग्रेस से सब्यसाची दत्त की दूरियां बढ़ने लगी थीं. उनका भाजपा नेता मुकुल राय से उनका संपर्क भी बढ़ गया था. इसकी भनक लगते ही तृणमूल ने सब्यसाची को मेयर पद से हटाने में जुट गयी. फिर मेयर पद छोड़ कर सब्यसाची दत्त एक अक्तूबर 2019 को अमित शाह के हाथों भगवा ध्वज थाम कर भाजपा में चले गये.
2011 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से तृणमूल को 88,642 वोट, माकपा को 52,717 वोट और भाजपा को 5,877 वोट मिले थे. जबकि 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल को 66,130, कांग्रेस को 59,142 और भाजपा को 21,735 वोट मिले थे. 2011 की तुलना में 2016 में भाजपा के वोट बढ़े. इसी तरह लोकसभा चुनाव में भी इस सीट से भाजपा को अधिक वोट मिले. विधाननगर सीट असल में बारासात लोकसभा सीट के अधीन आती हैं. गत आम चुनाव में बारासात सीट तृणमूल ने जीती थी, पर विधानसभा सीटों के मामले में बात कुछ और रही है. आम चुनाव में विधाननगर सीट से तृणमूल को 58, 956 वोट ही मिले थे, जबकि भाजपा को 77,872 वोट मिले थे.
Posted by – Aditi Singh