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कोलकाता में BJP को वोट नहीं देने की धमकी, घरों में तोड़फोड़, पत्रकारों को भी नहीं छोड़ा

Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण की मतदान से पहले राजधानी कोलकाता में शुक्रवार को अपराधियों ने जमकर तांडव मचाया. आरोप है कि सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी से जुड़े असामाजिक तत्वों ने पूरे इलाके में लोगों के घरों में तोड़फोड़ की. इस दौरान धमकी दी गई कि भाजपा को वोट दिया तो जीने नहीं दिया जाएगा. राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव के लिए बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती के चुनाव आयोग के दावे के बावजूद करीब एक घंटे तक पूरे क्षेत्र में अपराधियों ने तांडव मचाया और भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं देने देने की अपील कर डाली.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2021 8:40 PM
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Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण की मतदान से पहले राजधानी कोलकाता में शुक्रवार को अपराधियों ने जमकर तांडव मचाया. आरोप है कि सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी से जुड़े असामाजिक तत्वों ने पूरे इलाके में लोगों के घरों में तोड़फोड़ की. इस दौरान धमकी दी गई कि भाजपा को वोट दिया तो जीने नहीं दिया जाएगा. राज्य में शांतिपूर्वक चुनाव के लिए बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती के चुनाव आयोग के दावे के बावजूद करीब एक घंटे तक पूरे क्षेत्र में अपराधियों ने तांडव मचाया और भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं देने देने की अपील कर डाली.

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लोगों का आरोप- मौके पर देर से पहुंची पुलिस

घटना की सूचना मिलने के बाद माकपा, कांग्रेस और आईएसएफ गठबंधन के उम्मीदवार सतरूप घोष और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार इंद्रनील खान मौके पर पहुंच गए. लेकिन, लंबे वक्त तक ना तो पुलिस और ना ही केंद्रीय बलों के जवान मौके पर पहुंचे. कोलकाता का कसबा इलाका मूल रूप से तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है और यहां बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक आबादी भी है.

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मीडिया कर्मियों से भी बदमाशों की बदसलूकी

राजधानी कोलकाता के 67 नंबर वार्ड में मैदान के पास अपराधियों ने एकत्रित होकर नारेबाजी की. इसके बाद आसपास के लोगों के घरों में तोड़फोड़ शुरू कर दी. लोगों ने बताया कि करीब 20-22 बाइक सवार लोग महिलाओं, युवाओं, बुजुर्गों को धमकाते हुए कह कर गए हैं कि भाजपा को वोट दिया तो जीने नहीं देंगे.

इस दौरान मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों को भी तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने नहीं छोड़ा. उनके कैमरे छीन लिए और धमकी दी. सूचना देने के काफी देर बाद पुलिस टीम पहुंची. तब तक अपराधी अपने मंसूबे को अंजाम दे चुके थे. लोगों का कहना है हंगामा करने वालों का मुख्य मकसद मनोवैज्ञानिक तौर पर लोगों को डराना था. वहीं, पुलिस का दावा है कि हंगामा करने के मामले की जांच की जा रही है.

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