(नम्रता पांडेय): बंगाल विधानसभा चुनाव में चौथे चरण की वोटिंग 10 अप्रैल को होनी है. चौथे चरण में टालीगंज विधानसभा सीट पर वोटिंग होने वाली है. नंदीग्राम के बाद अगर कोई सीट चर्चा में रही तो वह सीट टालीगंज है.दरअसल, नंदीग्राम से चुनाव में खड़ी होने के बाद ममता बनर्जी के टालीगंज से भी चुनाव में खड़े होने की चर्चा थी. कैंडिडेट्स के नामों की घोषणा के दौरान ममता बनर्जी ने कहा था कि वो टालीगंज से भी चुनाव लड़ सकती हैं.
नंदीग्राम के बाद एक और सीट से चुनाव लड़ने की बात को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह ने भी ममता बनर्जी पर हमला बोला था. बाद में टीएमसी की तरफ से सफाई दी गयी कि ममता बनर्जी और किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी. वहीं इस सीट पर बीजेपी ने भी बड़ा दांव खेला है. इस सीट से बीजेपी ने सांसद और गायक बाबुल सुप्रियो को चुनावी मैदान में उतारा है तो टीएमसी ने सीटिंग विधायक और मंत्री अरूप विश्वास को टिकट दिया है. वहीं मैदान में संयुक्त मोर्चा की ओर से लेफ्ट के उम्मीदवार देवदत्त घोष भी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं.
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दक्षिण 24 परगना के 31 विधानसभा सीटों में से एक सीट टालीगंज है. ये सीट जादवपुर लोकसभा के अंतर्गत पड़ता है. बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री यानी टॉलीवुड के कारण यह सीट दक्षिण कोलकाता का बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है. टाॅलीवुड के कारण 2019 में जादवपुर लोकसभा सीट से टीएमसी की टिकट पर टाॅलीवुड एक्ट्रेस मिमी चक्रवर्ती को जीत मिली थी.
टालीगंज सीट पर इस बार जबर्दस्त मुकाबला होने वाला है. एक तरफ चौथी बार विधायक बनने की दौड़ में अरूप विश्वास हैं, तो वहीं बीजेपी ने सांसद और गायक बाबुल सुप्रियो को चुनाव में उतारा है. अरूप विश्वास 2006 से ही टालीगंज के विधायक हैं. उनकी टाॅलीवुड में भी अच्छी पकड़ रही है. वहीं भाजपा प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो का टॉलीवुड से पुराना नाता है. इस सीट से बाबुल सुप्रियो को पूरा यकीन है कि टाॅलीवुड उनके साथ हैं. वो अपनी जीत के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं.
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2001 से ही इस विधानसभा सीट पर टीएमसी का कब्जा है, लेकिन अरूप विश्वास की एंट्री 2006 में हुई. उन्होंने 2006 में पहली बार इस सीट से चुनाव जीता. 2011 में भी उन्होंने लेफ्ट के प्रतिम विश्वास को 5.13 फीसदी मतों से हराकर शानदार जीत हासिल की. 2016 में भी उनका प्रदर्शन बेहद अच्छा रहा. लेफ्ट के मधुजा को हराकर वो विधायक बने. विधायक के बाद वो मंत्री भी बनें. अरूप विश्वास को ममता बनर्जी के करीबियों में से एक माना जाता है.
बाबुल सुप्रियो ने 2014 में राजनीति में धमाकेदार एंट्री की थी. वो आसनसोल लोकसभा सीट से टीएमसी की डोला सेन को हराकर सांसद बने. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बना दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अभिनेत्री व सांसद मुनमुन सेन को हराकर फिर जीत हासिल की.यही वजह है कि बीजेपी बाबुल की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है.
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टालीगंज विधानसभा क्षेत्र में महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है. महिला वोटर्स को लुभाने के लिए टीएमसी ने जया बच्चन को भी चुनाव प्रचार में उतारा है. बंगाल में ममता बनर्जी के समर्थन में आयी सपा सांसद जया बच्चन अभी बंगाल में है और टीएमसी के लिए चुनाव प्रचार कर रही है. जया के चुनाव प्रचार से महिला वोटर्स टीएमसी को चुनेगी या नहीं, इसका फैसला 2 मई को होगा.
Posted by : Babita Mali