उत्तर दिनाजपुर : हेमताबाद और कालियागंज में बीजेपी को डबल अटैक, लेफ्ट-कांग्रेस के बीच कमल कहां है?
west bengal election 2021 Uttar Dinajpur BJP struggle in Hemtabad and Kaliaganj seat Left and Congress also contesting to win over the seats : बंगाल में गुरुवार को छठे चरण की वोटिंग होनी है. उत्तर दिनाजपुर की भी 9 सीटों पर कल वोटिंग होनी है. उत्तर दिनाजपुर जिले की रायगंज लोकसभा के अंतर्गत दो सीट हेमताबाद और कालियागंज विधानसभा सीट चुनाव से पहले ही चर्चा में रही है. इस वजह से इन दोनों सीटों को लेकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. इन दोनों सीटों में से पहली सीट हेमताबाद सीट है.
बंगाल चुनाव 2021: बंगाल में गुरुवार को छठे चरण की वोटिंग होनी है. उत्तर दिनाजपुर की भी 9 सीटों पर कल वोटिंग होनी है. उत्तर दिनाजपुर जिले की रायगंज लोकसभा के अंतर्गत दो सीट हेमताबाद और कालियागंज विधानसभा सीट चुनाव से पहले ही चर्चा में रही है. इस वजह से इन दोनों सीटों को लेकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. इन दोनों सीटों में से पहली सीट हेमताबाद सीट है.
हेमताबाद विधानसभा सीट की बात करें तो हेमताबाद में 2020 में राजनैतिक समीकरण बदल गया था जब लेफ्ट से बीजेपी में आये विधायक की कथित तौर पर हत्या कर दी गयी थी. दरअसल, इस सीट पर लेफ्ट का ही कब्जा था. लेफ्ट से देवेंद्र नाथ राॅय ने 2016 में इस सीट से जीत हासिल की थी. मगर बाद में मोदी की लहर में उनके दिल में भी कमल खिल गया था और उन्होंने लेफ्ट का दामन छोड़ बीजेपी का झंडा थाम लिया था.
मगर, 2020 में देवेंद्र नाथ राय का शव फंदे से झूलता पाया गया था. बीजेपी और देवेंद्र नाथ राय के परिजनों ने इसे हत्या करार दिया था. यानी पाॅलिटिकल मर्डर बताया था लेकिन टीएमसी ने इसे एक सुसाइड का मामला करार दिया था. हालांकि इस केस की जांच अभी चल रही हैं. अब इस सीट पर इस विधानसभा चुनाव में देवेंद्र नाथ राॅय की हत्या का असर पड़ेगा या बीजेपी की राह आसान होगी, इसका पता 2 मई को चलेगा.
कालियागंज के कैंडिडेट की वजह से बीजेपी की बढ़ेगी मुश्किल
दूसरी तरफ इस सीट से लेफ्ट और कांग्रेस संयुक्त मोर्चा ने भी पूरा जोर लगा दिया है. दोनों अपनी खोई हुई अस्तित्व वापस पाने की लड़ाई के लिए तैयार है. वहीं कालियागंज सीट पर भी बीजेपी की राह आसान नहीं दिख रही हैं. इसका कारण बीजेपी कैंडिडेट है. बीजेपी के कैंडिडेट सौमेन राॅय के खिलाफ खुद उनकी पत्नी ने गंभीर आरोप लगाया हैं. सौमेन राॅय की पत्नी ने उन्हें चरित्रहीन बताया है.
इतना ही नहीं सौमेन राय की पत्नी शर्बरी सिन्हा राॅय ने पिछले सप्ताह ही जिले में प्रचार कर सौमेन राय को वोट नहीं देने की अपील भी की थी. स्थानीय लोगों का कहना है, खुद पत्नी ने उन पर गंभीर आरोप लगाये हैं. सौमेन राय पर आरोप का विधानसभा चुनाव में कोई असर पड़ेगा या नहीं, इसका पता तो 2 मई को ही चलेगा. इन दोनों सीट पर इस बार देखा जाये तो बीजेपी और संयुक्त मोर्चा में सीधा मुकाबला है. टीएमसी भी अपना जोर लगा रही हैं.
2019 में रायगंज लोकसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी. रायगंज लोकसभा सीट के अंतर्गत इस्लामपुर, गोआलपोखर, चाकुलिया, करनदीघी, हेमताबाद, कालियागंज और रायगंज विधानसभा सीट है जहां 2019 में बीजेपी की देबश्री चौधरी ने जीत हासिल की थी. बीजेपी की देबश्री चाैधरी ने टीएमसी के कन्हाई लाल अग्रवाल को हराया था. देबश्री को 5,11,652 वोट मिली थी. इस दौरान भी हेमताबाद और कालियागंज सीट पर बीजेपी को बढ़त मिली थी.
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हेमताबाद और कालियागंज में चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट्स
इस बार हेमताबाद से बीजेपी ने चंदिमा राय, टीएमसी ने सत्यजीत बर्मन और संयुक्त मोर्चा ने भूपेंद्रनाथ बर्मन को कैंडिडेट बनाया है. वहीं कालियागंज से बीजेपी ने सौमेन राय, टीएमसी ने तपन देव सिंघा और संयुक्त मोर्चा के कांग्रेस ने प्रभाष सरकार को चुनावी मैदान में उतारा है.
2016 में इन दोनों सीट से जीत हासिल करने वाले कैंडिडेट्स
2016 में हेमताबाद सीट से लेफ्ट को जीत मिली थी. लेफ्ट के देवेंद्र नाथ राॅय ने टीएमसी की सबिता क्षेत्री को 13136 वोटों से हराया था. कालियागंज में कांग्रेस के प्रमथ नाथ राॅय ने टीएमसी के बसंत राॅय को 46602 वोटों से पराजित किया था.
Posted by : Babita Mali