पानागढ़ (मुकेश तिवारी): पूर्वी बर्दवान जिले की 8 सीटों पर वोटिंग चल रही है. जिले की एक वोटर वोट देने गयी तो उसे उस वक्त शाॅक लगा जब उसे पता चला वो वोटर लिस्ट में मृत है. इस घटना को देखकर हाल ही में आॅन लाइन प्लेटफार्म रिलीज हुई कागज हिंदी फिल्म की याद आ गयी जब फिल्म के लीड रोल में अभिनय कर रहे पंकज त्रिपाठी को कागज में मृत घोषित कर दिया गया था. सरकारी कागजात से खुद को जीवित साबित करने में इस फिल्म के हीरो को वर्षों लग गये. आज ठीक वैसी ही हालात इस वृद्धा वोटर की भी है. वृद्धा की पहचान रसूला खातून के रूप में की गयी है.
घटना पूर्वी बर्दवान के खण्डघोष विधानसभा क्षेत्र की है. जानकारी के मुताबिक रसूला खातून नाम की वृद्धा जब वोट देने मतदान केंद्र पर गयी तब उसे पता चला कि वोटर लिस्ट के अनुसार वो मर चुकी है और उसे वोट देने नहीं दिया गया. इस घटना को लेकर रसूला खातून का कहना है, खण्डघोष विधानसभा के कापसीट प्राइमरी स्कूल के बूथ नंबर 111 पर जब वो पहुंची तब उसने अपना वोटर आईडी कार्ड दिखाया.
Also Read: कविगुरु ने कहा- चित्त जेथा भय शून्यो, PM मोदी ने बताया दीदी कहती हैं- चित्त जेथा भय आक्रांत
रसूला का कहना है, वोटर आईडी कार्ड से वहां बैठे पीठासीन अधिकारी ने वोटर लिस्ट से मिलान किया तो देखा महिला वोटर लिस्ट के अनुसार मर चुकी है. रसूला का कहना है, वोटर लिस्ट में उसे मृत घोषित किया गया है जबकि वह जीवित है. उसके लाख कहने पर भी उसे वोट देने नहीं दिया गया. वहीं इस घटना से गांव के लोगों में भी नाराजगी है. ग्रामीणों का कहना है, एक जीवित इंसान को मृत घोषित कर दिया गया है, यह अन्याय है. इस घटना के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है.
Also Read: PM Modi पर ममता बनर्जी का निशाना, कहा- फ्री के चावल को पकाने में लगता है 1000 रुपये का सिलिंडर
Posted by : Babita Mali