कोलकाता: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्र ने अपने पदभार संभालने के बाद गुरुवार को पहली बार पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) डॉ आरिज आफताब, एडीजी कानून व्यवस्था जगमोहन, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे, सह अन्य आला अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में पांचवें चरण के चुनाव व राज्य में कोरोना की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई.
ज्ञात हो कि राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच कलकत्ता हाइकोर्ट की ओर से गाइडलाइन जारी किया गया है. इस गाइडलाइन पर भी चर्चा हुई. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शीतलकूची की घटना के बाद पांचवें चरण के चुनाव दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जायेंगे. पांचवें चरण में हर पोलिंग बूथ के 100-200 मीटर तक धारा 144 को लागू किया जायेगा, ताकि मतदाता को छोड़ अन्य कोई भी व्यक्ति बूथ के भीतर प्रवेश ना कर सके. पांचवें चरण के दौरान 11 पुलिस पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है. ज्ञात हो कि शीतलकूची की घटना के बाद आयोग की ओर से यह कदम उठाया गया है.
राज्य में होने वाले पांचवे चरण के चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने गुरुवार को पोलिंग एजेंट की समस्या को लेकर एक निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार पोलिंग एजेंट को बूथ में जाने से पहले अपना वोटर कार्ड दिखाना होगा. चुनाव आयोग ने इस विषय में यह भी कहा है कि यदि पोलिंग एजेंट वोटर कार्ड दिखाने में असमर्थ हो तो रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिया गया एक पत्र दिखाना होगा, जिसमें पोलिंग एजेंट के उस विधानसभा क्षेत्र का मतदाता होने के साथ पार्ट नंबर व सीरियल नंबर के विषय में भी जानकारी होनी चाहिये. बता दें कि पिछले चार चरणों के चुनाव में लगातार चुनाव आयोग को पोलिंग एजेंटों के बूथ में जाने से रोकने व उनके दस्तावेजों को लेकर शिकायतें मिल रही हैं. यही कारण है कि चुनाव आयोग ने इस विषय को लेकर दुबारा सूचना जारी किया है.
Posted By: Aditi Singh