कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मतगणना थोड़ी देर में शुरू हो जायेगी. यूं तो पूरे बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और बंगाल में 10 साल से शासन कर रही तृणमूल कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है, लेकिन बेहला पश्चिम सीट पर लोगों की खास निगाह है. लोग देखना चाहते हैं कि यहां से ‘घोरेर छेले’ जीतता है या बांग्ला फिल्मों की अभिनेत्री श्रावंती चटर्जी बंगाल के मंत्री को मात दे देती हैं.
दक्षिण 24 परगना जिला की बेहला पश्चिम सीट पर इस बार तृणमूल कांग्रेस के ‘घोरेर छेले’ (परिवार का बेटा) पार्थ चटर्जी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार एवं बांग्ला फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री श्रावंती चटर्जी के बीच कड़ी टक्कर थी. वाम मोर्चा ने पूर्व पार्षद निहार भक्त को मैदान में उतारा था. यहां चौथे चरण में 20 अप्रैल को मतदान हुआ था.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी बेहला पश्चिम सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं. आज अगर वह जीत गये, तो जीत का पंच लगायेंगे. लेकिन, भाजपा को आस है कि युवा मतदाताओं को अपने पाले में करके राजनीति में शुरुआती कदम रखने वाली श्रावंती इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब रहेंगी.
दक्षिण 24 परगना जिले में आने वाली बेहला पश्चिम सीट के विकास में योगदान देने वाले पार्थ चटर्जी की स्थानीय स्तर पर पहचान ‘पार्थ दा’ (बड़े भाई) के तौर पर है. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह पिछले दो दशक से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
हालांकि, बेहला पश्चिम सीट के कुछ इलाकों में विकास कार्यों को नजरअंदाज करने के आरोपों ने भगवा दल को उभरने का मौका दिया है, जबकि 2000 दशक के शुरुआती वर्षों में इस सीट पर वाम मोर्चा की पैठ थी. भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ कथित असंतोष को भुनाने के लिए अभिनेत्री श्रावंती को मैदान में उतारा, जो राजनीति में तो नयी थीं, लेकिन जनता में उनकी लोकप्रियता के चलते उन्हें मजबूत चुनौती के तौर पर देखा गया.
Also Read: दीदी ओ दीदी, चंडी पाठ और हिंदू-मुसलमान, नेताओं की जुबान और बंगाल का संग्राम
Posted By : Mithilesh Jha