PM मोदी का ‘राम राग’, श्रीराम-सीता के वनवास का जिक्र करके पुरुलिया के जलसंकट पर ‘दीदी’ से सवाल
PM Modi Purulia Ram Raag: बंगाल चुनाव के प्रचार में उतरे पीएम मोदी के ‘मिशन बंगाल पार्ट 2’ की शुरुआत गुरुवार को पुरुलिया की मेगा रैली से हो गई. रैली में पीएम ने टीएमसी पर निशाना साधा. सीएम ममता बनर्जी पर भी खूब तंज कसे. पुरुलिया की रैली में पीएम मोदी ने ‘राम राग’ भी छेड़ा. प्रभु श्रीराम और माता सीता ने वनवास के दौरान कुछ वक्त पुरुलिया की पावन धरती पर गुजारा था. आज के समय में टीएमसी और ममता बनर्जी ने पुरुलिया की पावन धरती को कहीं ना कहीं छोड़ा है.
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पुरुलिया की धरती पर पीएम मोदी का ‘राम राग’
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ममता बनर्जी से पुरुलिया जलसंकट पर सवाल
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बोले: पुरुलिया को विकास नहीं भेदभाव मिला
PM Modi Purulia Ram Raag: बंगाल चुनाव के प्रचार में उतरे पीएम मोदी के ‘मिशन बंगाल पार्ट 2’ की शुरुआत गुरुवार को पुरुलिया की मेगा रैली से हो गई. रैली में पीएम मोदी ने टीएमसी पर निशाना साधा. सीएम ममता बनर्जी पर भी खूब तंज कसे. पुरुलिया की रैली में पीएम मोदी ने ‘राम राग’ भी छेड़ा. कहा श्रीराम और माता सीता ने वनवास के दौरान कुछ वक्त पुरुलिया की पावन धरती पर गुजारा था. आज के समय में टीएमसी और ममता बनर्जी ने पुरुलिया की धरती को कहीं का कहीं छोड़ा है.
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टीएमसी ने पुरुलिया को जलसंकट दिया है…
पीएम मोदी ने पुरुलिया के अपने भाषण में कहा कि प्रभु श्रीराम और माता सीता वनवास के दौरान कुछ समय के लिए पुरुलिया की धरती पर ठहरे थे. एक दिन माता सीता को प्यास लगी तो प्रभु श्रीराम ने बाण चलाकर धरती से पानी की धारा निकाल दी थी. सोचिए उस समय पुरुलिया की धरती का जलस्तर क्या रहा होगा? आज पुरुलिया का जलसंकट किसी से भी छिपा नहीं है. आज पुरुलिया के जलसंकट की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होती है. टीएमसी के शासन ने पुरुलिया के जलसंकट को और बढ़ाया है.
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पुरुलिया को भेदभाव भरा शासन मिला: PM मोदी
पीएम मोदी ने पुरुलिया के जलसंकट की समस्या को लेकर टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर खूब तंज भी कसे. पीएम मोदी ने कहा कि आज पुरुलिया में जलसंकट बहुत बड़ी समस्या है. यहां के किसानों, आदिवासी वनवासी भाई बहनों को इतना पानी नहीं मिलता कि वो खेती कर सकें. पुरुलिया की बहनों को पानी के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. टीएमसी सिर्फ अपने खेल में लगी रही. टीएमसी ने पुरुलिया को जलसंकट से भरा जीवन और पलायन दिया है. पुरुलिया को भेदभाव भरा शासन मिला है. आज पुरुलिया की गिनती भारत के सबसे पिछड़े क्षेत्र के रूप में होती है.