65 फीसदी एससी-एसटी और 13 फीसदी मुसलमानों ने भाजपा को दिया वोट- पोलस्ट्रैट-टीवी9 भारतवर्ष का एग्जिट पोल
Exit Poll Result, Bengal Chunav 2021: बंगाल में 8 चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है. अलग-अलग एजेंसियों के एग्जिट पोल भी आ गये हैं. पोलस्ट्रैट-टीवी9 भारतवर्ष के एग्जिट पोल की मानें तो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी और एसटी) का 65 प्रतिशत से ज्यादा वोट भाजपा को मिला है. वहीं, 13 फीसदी से कुछ ज्यादा मुसलमानों ने भी भाजपा के पक्ष में मतदान किया है.
कोलकाता : बंगाल में 8 चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है. अलग-अलग एजेंसियों के एग्जिट पोल भी आ गये हैं. पोलस्ट्रैट-टीवी9 भारतवर्ष के एग्जिट पोल की मानें तो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी और एसटी) का 65 प्रतिशत से ज्यादा वोट भाजपा को मिला है. वहीं, 13 फीसदी से कुछ ज्यादा मुसलमानों ने भी भाजपा के पक्ष में मतदान किया है.
पोलस्ट्रैट-टीवी9 भारतवर्ष का सर्वेक्षण बताता है कि हिंदू वोट के मामले में तृणमूल कांग्रेस से भाजपा पिछड़ गयी है. ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 44.80 फीसदी हिंदुओं ने वोट दिया है, तो भाजपा को 40 फीसदी ने. इस वर्ग के 6.80 फीसदी लोगों ने कांग्रेस-लेफ्ट-आइएसएफ गठबंधन के लिए वोट किया. 8.40 फीसदी ऐसे हिंदू वोटर थे, जिन्होंने अन्य दलों के पक्ष में मतदान किया.
कुल मिलाकर भाजपा को 40.50 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है. इसकी मदद से बंगाल में वह 110 सीट जीत सकती है. वहीं 43.90 फीसदी वोट पाकर तृणमूल कांग्रेस बहुमत से कुछ ज्यादा 161 सीट हासिल करती दिख रही है. यह बहुमत के आंकड़े से 13 ज्यादा है. माकपा-कांग्रेस-आइएसएफ के गठबंधन संयुक्त मोर्चा को महज 21 सीटें मिलती दिख रही हैं.
चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 में ममता बनर्जी की पार्टी ने 44.91 फीसदी वोट हासिल किये थे और उसे 203 विधानसभा सीट पर जीत मिली थी. उस वक्त भाजपा को सिर्फ 10.16 फीसदी वोट मिले थे और वह महज 3 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कर पायी थी. कांग्रेस 12.25 फीसदी वोट लाकर 44 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. माकपा को 19.75 फीसदी वोट मिले, लेकिन उसके 26 उम्मीदवार ही विधानसभा पहुंच पाये थे.
इस बार भारतीय जनता पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस दोनों ही 200 से ज्यादा सीट जीतने के इरादे से मैदान में उतरी थी. लेकिन, एग्जिट पोल के परिणाम ने दोनों ही दलों की आशाओं पर पानी फेर दिया है. भाजपा बहुमत से दूर रह गयी, तो तृणमूल कांग्रेस बहुमत के आंकड़े के इर्द-गिर्द ही सिमटती दिख रही है. ऐसे में यदि ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार सरकार का गठन कर भी लेती हैं, तो उन्हें अपनी पार्टी में टूट का खतरा सताता रहेगा. इसके संकेत उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान ही दे दिये थे.
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Posted By : Mithilesh Jha