पश्चिम बंगाल के दमकल मंत्री सुजीत बोस ने दावा किया कि नगरपालिका भर्ती भ्रष्टाचार मामले में उन्हें सीबीआई की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला है. उनका कहना है कि मेरे खिलाफ एक राजनीतिक साजिश रची जा रही है, साजिश के पीछे कौन है, दोषियों की तुरंत जांच की जानी चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए . गौरतलब है कि ईडी और सीबीआई की ओर नगरपालिका भर्ती मामला में जांच जारी है. हालांकि इस मामले में अब तक दमकल मंत्री को कोई नाेटिस नहीं भेजा गया है. उनका मानना है कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.
दमकल मंत्री सुजीत बोस का कहना है कि मुझे सीबीआई की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला है. लेकिन मीडिया का एक वर्ग लगातार कह रहा है कि मुझे नोटिस दिया गया है. इस घटना से मैं मानसिक रूप से घायल हो गया हूं. रैगिंग को लेकर इतनी बातें हो रही हैं, मेरे साथ जो हो रहा है वह भी रैगिंग ही है. बार-बार एक गलत खबर को लेकर मुझसे सवाल पूछा जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा, अगर कोई जांच एजेंसी मुझे बुलाती है तो मैं जरूर जाऊंगा. लेकिन अभी तक मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है.
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नगर निगम भर्ती भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय ईडी भी कर रहा है. ईडी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने जिन 12 नगरनिगम अधिकारियों से दस्तावेज मंगवाए हैं, उनमें दमदम, कमरहाटी, पानीहाटी जैसी कोलकाता से सटी कई नगर पालिकाएं हैं. ईडी ने उन नगर पालिकाओं के अधिकारियों से 2014 के बाद से सभी भर्ती डेटा भेजने को कहा है. ईडी ने नोटिस में कहा कि जानकारी और सभी दस्तावेज एक हफ्ते के भीतर भेजे जाएं. सुजीत उस अवधि के दौरान दक्षिण दमदम नगर पालिका के उप महापौर थे, जब नगर निगम भर्ती भ्रष्टाचार की जांच चल रही थी. सुजीत ने कहा, मेरा चार दशक का राजनीतिक जीवन. मैं छह बार का पार्षद, चार बार का विधायक हूं. मुझे कभी ऐसी स्थिति में नहीं रहना पड़ा. सुजीत ने यह भी दावा किया कि इससे उन्हें भावनात्मक पीड़ा हो रही है.
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सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल नगरपालिका भर्ती घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एवं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि अदालत इस बात से संतुष्ट है कि शिक्षक भर्ती घोटाले और नगर पालिका भर्ती घोटाले के बीच एक संबंध प्रतीत होता है. मामले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में हुए इस मामले से अभिषेक बनर्जी का कोई संपर्क नहीं है. यह मामला राज्य सरकार के साथ जुड़ा हुआ था और सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज किया था.
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इसके बाद नगरपालिका में नियुक्ति भ्रष्टाचार उजागर हुआ. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने नगर पालिका की नियुक्ति में हुए भ्रष्टाचार की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया. राज्य सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. लेकिन शीर्ष अदालत ने राज्य की याचिका खारिज कर दी. नगर पालिका की नियुक्ति की सीबीआई जांच के जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश को बरकरार रखा गया है.
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ईडी ने 19 मार्च को भर्ती मामले में अयान शील को गिरफ्तार किया था. ईडी का दावा है कि साल्टलेक में अयान के कार्यालय की तलाशी में राज्य की कई नगरपालिकाओं में विभिन्न पदों के लिए नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिकाएं) मिली हैं. ईडी सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला है कि पूछताछ के दौरान अयान ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने विभिन्न नगर पालिकाओं में नौकरी दिलाने के बदले कुल 200 करोड़ रुपये लिए थे
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