देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार ने कोरोना को लेकर पहले ही सभी राज्यों को सतर्क कर दिया है और इसके लिए केंद्र ने राज्यों के लिए गाइडलाइंस भी तैयार की है. बताया गया है कि कोरोना वायरस और इन्फ्लूएंजा में संचरण के तरीके, संकेतों और लक्षणों के संदर्भ में कई समानताएं हैं, इसलिए इलाज करने वाले चिकित्सकों के बीच शंका पैदा हो सकती है. इसलिए केंद्र सरकार ने इसे लेकर सावधान रहने का सुझाव दिया है.
गौरतलब है कि देश में कोरोना की परिस्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों के साथ बैठक की है. केंद्र की बैठक के बाद, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में कोरोना उपचार के लिए तैयार रहने के लिए कहा है. अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए उपकरणों की स्थिति कैसी है, सभी बुनियादी ढांचे पर्याप्त हैं या नहीं, इसकी समीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके अलावा, राज्य का स्वास्थ्य विभाग भी परिस्थिति की निगरानी की प्रक्रिया शुरू कर रहा है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को कोरोना को लेकर विभिन्न राज्यों की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बैठक हुई. बैठक में अधिकारियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तीन साल बाद भी कोरोना वायरस पीछा नहीं छोड़ रहा है. मार्च 2023 में कोविड-19 के संक्रमण ने फिर से भारत को अपनी चपेट में ले लिया है. शुरुआत में संक्रमण के मामले गुजरात, केरल व महाराष्ट्र में पाये गये थे, लेकिन धीरे-धीरे यह दूसरे राज्यों में भी फैल रहा है. केंद्र बढ़ते कोविड संक्रमण से चिंतित है. भारत में गुरुवार को 5,335 नये कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आये.
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पिछले पांच महीनों में इस दिन सबसे अधिक पॉजिटिव मामले दर्ज किये गये. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 25,587 हो गयी है. पिछले साल 25 सितंबर को कुल 4,777 पॉजिटिव मामले सामने आये थे. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय कोविड-19 रिकवरी दर 98.75 प्रतिशत थी. पिछले 24 घंटों में 2,826 मरीज ठीक हुए हैं, जिससे ठीक होने वालों की कुल संख्या 4,41,82,538 हो गयी है.