बंगाल : राज्यपाल ने कॉफी पर मुख्यमंत्री को किया आमंत्रित, कुलपतियों की नियुक्ति मुद्दे पर हो सकती है चर्चा
शीर्ष अदालत कलकत्ता उच्च न्यायालय के 28 जून के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी. राज्य के विश्वविद्यालयों को कैसे चलाया जाए, इसे लेकर ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल के बीच खींचतानी चल रही है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ( Governor CV Anand Bose) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) को पत्र लिखकर राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति पर बात-चीत के लिए उन्हें राजभवन आमंत्रित किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल में राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के नव नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के भत्तों पर रोक लगाने और राज्यपाल को मुख्यमंत्री के साथ बात-चीत करने के लिए कहने के बाद बोस ने कुलपतियों की नियुक्ति पर गतिरोध दूर करने के लिए ममता बनर्जी को यह पत्र लिखा है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जल्द जवाब मिलने की उम्मीद
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर, राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति पर एक बैठक के लिए उन्हें राजभवन आमंत्रित किया है.उन्होंने कहा कि राज्यपाल का कार्यालय मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जल्द जवाब मिलने की उम्मीद कर रहा है. उच्चतम न्यायालय ने छह अक्टूबर को पश्चिम बंगाल में सरकारी विश्वविद्यालयों के नवनियुक्त अंतरिम कुलपतियों के भत्तों पर रोक लगा दी और राज्यपाल सी वी आनंद बोस से कहा था कि वह कुलपतियों की नियुक्ति से संबंधित गतिरोध को हल करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कॉफी पीते हुए चर्चा करेंगे.
राज्यपाल कॉफी पीते हुए मुख्यमंत्री के साथ कर सकते हैं चर्चा
शीर्ष अदालत ने कहा कि “शैक्षणिक संस्थानों और लाखों छात्रों के भविष्य के हित में” राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच सुलह की आवश्यकता है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि अगस्त में नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के भत्तों पर रोक उनकी नियुक्ति की राज्यपाल की कार्रवाई के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका लंबित होने तक जारी रहेगी. राज्यपाल राज्य विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति होते हैं. शीर्ष अदालत कलकत्ता उच्च न्यायालय के 28 जून के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी. राज्य के विश्वविद्यालयों को कैसे चलाया जाए, इसे लेकर ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल के बीच खींचतानी चल रही है.