मुख्यमंत्री किसी भी बात का विरोध करने के लिए आ सकती हैं राजभवन : राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा शिक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. राज्य सरकार की ओर से अतीत में की गईं नियुक्तियों के खिलाफ शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर मैंने अंतरिम कुलपतियों की नियुक्तियां की हैं. ममता बनर्जी व राज्यपाल के बीच जुबानी जंग जारी है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा कि आपको किसी भी बात का विरोध करना है तो आप राजभवन के अंदर आ सकती हैं. राजभवन के बाहर बैठ कर प्रतिवाद करने की आवश्यकता नहीं है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने बांग्ला भाषा में एक वीडियो जारी कर कहा कि वह राज्य के लोगों की सेवा के लिए आए हैं. विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति आवश्यक है. बंगाल में शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाने के लिये यह बेहद जरुरी है. बंगाल की जनता जानती है कि राज्यपाल जो कर रहें है वह उचित है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय राज्यपाल के निर्देशों के अनुसार काम करना जारी रखेंगे, तो वह उनका वित्तपोषण (फंड) रोक देंगी और राजभवन के सामने धरना देंगी. ममता बनर्जी व राज्यपाल के बीच जुबानी जंग जारी है.
फंड रोकने की सीएम ने दी थी धमक
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर एक सरकारी कार्यक्रम में आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय राज्यपाल के निर्देशों के अनुसार काम करना जारी रखेंगे, तो वह उनका वित्तपोषण (फंड) रोक देंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के कदम राज्य प्रशासन को पंगु बनाने की कोशिश हैं. वह विधानसभा द्वारा पारित एक भी विधेयक लौटा नहीं रहे. हम अन्याय नहीं होने देंगे. बंगाल को लड़ना आता है. देखिए और इंतजार कीजिए.
Also Read: West Bengal Breaking News Live : मुख्यमंत्री किसी भी बात का विरोध करने के लिए आ सकती हैं राजभवन : राज्यपाल
विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं
राज्यपाल बोस ने स्पष्ट कर दिया है कि जब विश्वविद्यालयों के प्रशासन की बात आएगी तो वह कोई उदारता नहीं दिखाएंगे. राज्यपाल बोस ने दिल्ली से लौटकर एक तरह से चेतावनी भरे लहजे में कहा कि विश्वविद्यालयों के चांसलर होने के नाते वह विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे. बल्कि जो लोग समस्या की जड़ हैं उन्हें हटाने की आवश्यकता है. राज्यपाल ने कहा शिक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. राज्य सरकार की ओर से अतीत में की गईं नियुक्तियों के खिलाफ शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर मैंने अंतरिम कुलपतियों की नियुक्तियां की हैं.
Also Read: बंगाल : मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर किया कटाक्ष कहा, राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए राजभवन के सामने देंगे धरना
राज्यपाल ने बंगाल की जनता को बांग्ला भाषा में दिया संदेश
राजभवन की ओर से राज्यपाल का एक वीडियो संदेश जारी किया गया है. राज्यपाल ने बंगाल की जनता को बांग्ला भाषा में वह संदेश दिया. वहां भी राज्यपाल को राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर ऐसी ही निराशा व्यक्त करते हुए सुना गया. उन्होंने कहा कि कुलपतियों को विश्वविद्यालयों से कार्रवाई क्यों करनी पड़ी. उनका मानना है कि बिना कुलपतियों के विश्वविद्यालयों को नहीं चलाया जा सकता है. उन्होंने यहां तक कहा कि जादवपुर में छात्र की मौत की घटना दरअसल इसी कुप्रबंधन का सबूत है. राज्यपाल की इस शिकायत के जवाब में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि राज्यपाल बोस दरअसल गड़बड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं. जिसका असर राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है. जो असल में भाजपा का एजेंडा है.
Also Read: चुनाव के पहले अभिषेक की होगी गिरफ्तारी किसी ने मैसेज करके दी है धमकी : ममता बनर्जी
इस्तीफा देने वाले पांच कुलपतियों को मिली धमकी : राज्यपाल
राज्यपाल बोस कहा कि बांग्ला मेरी सपनों की कर्मभूमि है. मैं यहां अच्छा काम करने के लिए हूं. इस्तीफा देने वाले पांच कुलपतियों ने खुद मुझे बताया कि उनकी जान को खतरा है. उन्होंने डर के मारे इस्तीफा दे दिया. क्योंकि सरकारी अधिकारी, मुख्यमंत्री के आईएएस अधिकारी उन पर दबाव बना रहे थे. ऐसे में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
Also Read: वि वि में स्वतंत्र तरीके से वीसी नियुक्त करने का राज्यपाल का फैसला मनमाना : ब्रात्य बासु
कुणाल घोष ने राज्यपाल पर किया कटाक्ष
हालांकि कुणाल घोष ने राज्यपाल के बयान को ‘सुनियोजित स्क्रिप्ट’ बताते हुए इसकी आलोचना की. उन्होंने कहा, वह उस स्क्रिप्ट के साथ बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. जादवपुर यूनिवर्सिटी में जो हुआ वो सबने देखा. इसकी भी जांच की जा रही है. लेकिन राज्यपाल जाने कहा से कुलपतियों की नियुक्ति कर रहे है जो शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हुए ही नहीं हैं. अगर राज्यपाल को कुछ कहना है तो उन्हें शिक्षा मंत्री को बुलाना चाहिए. उनके साथ बैठक करें जो एक्ट में है, संविधान में है उन पर कार्य करना चाहिए. उन्हें तुरंत शिक्षा मंत्री ब्रत्य बोस को बुलाना चाहिए और आमने-सामने चर्चा करनी चाहिए.