22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

WB : सरकारी अस्पतालों में नये नियम पर हो रहा विचार,बाहरी मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिले या नहीं,मंथन जारी

पिछले वर्ष राज्य के लगभग 75 प्रतिशत मरीजों को सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दी गयी हैं. लेकिन बेड की कमी के कारण बड़ी संख्या में मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों (Government hospitals) में राज्य के मरीजों को प्राथमिकता दिये जाने की तैयारी चल रही है. मरीजों को आधार कार्ड भी दिखाना पड़ सकता है. वहीं, दूसरे राज्य या पड़ोसी देश से आने वाले मरीजों को रेफर प्रिस्क्रिप्शन दिखाना पड़ सकता है. इस नयी व्यवस्था को लागू करने से पहले इस पर राज्य स्वास्थ्य विभाग की विशेष कमेटी विचार-विमर्श कर रही है. बता दें कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज होता है. पर स्वास्थ्य विभाग इस पर विचार कर रहा है कि दूसरे राज्य या देश से आने वाले मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाये या नहीं. क्योंकि यहां के सरकारी अस्पतालों में दूसरे राज्यों और पड़ोसी देशों से आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

राज्य के मरीजों को प्राथमिकता देने की हो रही बात

समस्या इतनी गंभीर होती जा रही है कि राज्य के लोगों का ही सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं हो पा रहा है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग नया नियम लागू करने की योजना बना रहा है. राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक प्रोफेसर डाॅ सिद्धार्थ नियोगी ने कहा, “ देश में पश्चिम बंगाल ही एकमात्र राज्य है जहां के सरकारी अस्पताल में सिर्फ दो रुपये में हृदय और मस्तिष्क स्ट्रोक सर्जरी सहित अन्य सभी प्रकार का इलाज किया जाता है. नये नियम राज्य के मरीजों के हित में लागू किये जायेंगे. सरकार सभी विषयों पर चर्चा के बाद ही निर्णय लेगी.

Also Read: Mamata Banerjee : ममता बनर्जी ने कहा, अगर बीएसएफ आपको आई कार्ड देता है,तो इसे न लें,आप एनआरसी के तहत आ जाएंगे
75 प्रतिशत मरीजों को सरकारी अस्पतालों में दी गयी सेवाएं

पश्चिम बंगाल में हर साल बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और यहां तक कि म्यांमार से भी मरीज इलाज कराने आते हैं. एसएसकेएम (पीजी), एनआरएस, आरजी कर, कोलकाता मेडिकल कॉलेज समेत अन्य सब डिवीजन अस्पतालों का बुरा हाल है. पिछले वर्ष राज्य के लगभग 75 प्रतिशत मरीजों को सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दी गयी हैं. लेकिन बेड की कमी के कारण बड़ी संख्या में मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

Also Read: West Bengal Breaking News Live : आज उत्तर दिनाजपुर के रायगंज में ममता बनर्जी का प्रशासनिक बैठक
पड़ोसी देशों के मरीज भी सरकारी अस्पतालों में आते हैं इलाज कराने

कोलकाता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष व तृणमूल विधायक डाॅ सुदीप्त रॉय ने कहा,“ देश के विभिन्न राज्यों के अलावा पड़ोसी देशों के मरीज भी यहां के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आते हैं. राज्य के अनुभवी चिकित्सकों व नर्सों के कारण हम इतनी बढ़ी संख्या में मरीजों का इलाज कर पाते हैं. लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि राज्य के मरीजों को परेशानी ना हो.” स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में इलाज के लिए सबसे अधिक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, ओडिशा से मरीज आते हैं.

Also Read: पश्चिम बंगाल : आयुष अस्पताल की जमीन पर मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज का हॉस्टल बनाने की कवायद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें