आसनसोल: इसीएल ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को उत्सव के रूप में मनाने के लिए विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर “खनन पर्यावरण की पूर्वावस्था – एक आगे का रास्ता” विषयक वेबिनार का आयोजन किया. वेबिनार की शोभा निदेशक (कार्मिक) विनय रंजन, निदेशक (वित्त) गौतम दे एवं प्रतिष्ठित वक्ता के रूप में राज्य सरकार एवं शैक्षणिक संस्थान दुर्गापुर राज्यकीय कॉलेज के प्रो. देबनाथ पालित, पश्चिम बंगाल वन विकास कॉरपोरेशन लिमिटेड के आईएसएफ एवं वन संरक्षक रविन्द्र नाथ साहा, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के सेंटर ऑफ माइनिंग इनवॉयरमेंट के प्रो. विश्वजीत पाल एवं रानीगंज एवं इसके समीपवर्ती क्षेत्र में दुर्लभ जीवों के संरक्षण में संलग्न दुर्गापुर विंग से युवा वन्यजीव समर्थक सागर अधुर्या ने बढ़ायी. वेबिनार दो सत्र में आयोजित किया गया. उद्घाटन सत्र को गौतम दे ने संबोधित किया.
उन्होंने पृथ्वी दिवस की उत्पत्ति पर प्रकाश डाला और कहा कि कैसे ईसीएल उत्खनित भूमि को पूर्वावस्था में लाने एवं खदान संवरण योजना हेतु उत्तम प्रणालियों को अपनाकर हरित खनन की ओर आगे बढ़ रही है. सत्र में विनय रंजन ने महत्वपूर्ण तथ्यों के साथ संबोधित किया. उन्होंने भारतीय संस्कृति में खनन का महत्वपूर्ण योगदान को उद्धृत करते हुए ऊर्जा मिक्स में कोयले की महत्ता को निर्दिष्ट किया. संवहनीय खनन को अपनाने का समय आ गया है और इसीएल इस दिशा में आगे बढ़ते हुए इको पार्क का विकास, वृक्षारोपण, खदान से निकले जल की उपयोगिता सिद्धि, पीएम10 का अधिस्थापन, वर्षा जल संचयन परियोजनाओं का संस्थापन, ओ.बी. डम्प में पौधों का रोपण की प्रक्रिया हेतु राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को उत्तरदायित्व देकर कर सतत लक्ष्य की प्राप्ति कर रही है.
तकनीकी सत्र के दौरान प्रतिष्ठित वक्ताओं ने खनन क्षेत्र के संरक्षण व पूर्वावस्था संबंधित अपनी महत्वपूर्ण प्रस्तुति दी. आईएसएफ रविन्द्रनाथ साहा ने इसीएल एवं डब्ल्यूबीएफडीसीएल द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि झांझरा क्षेत्र में प्रस्तावित इको पार्क अपने आप में एक अलग रूप का होगा और इको पार्क पर्यटन के लिए उदाहरण साबित होगा. दुर्गापुर राज्यकीय कॉलेज के प्रो. देबनाथ पालित रानीगंज कोलफील्ड्स के पिट-लेक संसाधन की महत्ता पर जोर देते हुए समीपवर्ती क्षेत्रों के सामाजिक–आर्थिक उत्थान में योगदान देने की बात कहीं. प्रो. विश्वनाथ पाल ने घासों से अच्छादित पार्क, रिसोर्ट, रेस्टोरेंट इत्यादि के विकास से उत्खनित क्षेत्रों की पूर्वावस्था के वैश्विक परिदृश्य को दर्शाया.
नीलरत्न पाण्डा, जिला वन अधिकारी, दुर्गापुर ने पूर्वावस्था हेतु वृक्षारोपण से स्थानीय जीवों के लिए महत्वपूर्ण है, पर विशेष रूप से प्रकाश डाला. सागर अदुर्या ने रानीगंज कोलफील्ड्स के वनस्पति एवं जीवों के संरक्षण पर अपनी प्रस्तुति दी. वेबिनार में इसीएल के प्रतिष्ठित क्षेत्रीय महाप्रबंधक, महाप्रबंधक (कल्याण एवं सीएसआर), विभागीय प्रधान (जीओटेक एवं एमसीपी), विभागीय प्रधान (पर्यावरण एवं वन) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करायी.
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Posted By: Aditi Singh