मतदान के बाद भाटपाड़ा में रिलायंस जूट मिल बंद, साढ़े चार हजार श्रमिक बेरोजगार
Bengal News In Hindi: सुबह काम पर गये श्रमिक अचानक मिल के गेट पर सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लगा देख भड़क गये और जम कर विरोध प्रदर्शन किया. श्रमिकों ने मिल के पास स्थित श्रमिक यूनियन के दफ्तरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. साथ ही श्रमिकों ने मिल खोलने की मांग करते हुए घोषपाड़ा रोड पर अवरोध कर विरोध प्रदर्शन किया. दो घंटे तक रास्ता अवरोध रहा. बाद में स्थिति सामान्य हुई. जानकारी के मुताबिक, हाल ही में 2 फरवरी को मिल चालू हुई थी. मिल में साढ़े चार हजार श्रमिक काम करते हैं और सात श्रमिक यूनियन हैं.
कोलकाता: उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा की रिलायंस जूट मिल में रविवार को ताला लग गया. इससे साढ़े चार हजार श्रमिक बेरोजगार हो गये. सुबह काम पर गये श्रमिक अचानक मिल के गेट पर सस्पेंशन ऑफ वर्क का नोटिस लगा देख भड़क गये और जम कर विरोध प्रदर्शन किया. श्रमिकों ने मिल के पास स्थित श्रमिक यूनियन के दफ्तरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी.
साथ ही श्रमिकों ने मिल खोलने की मांग करते हुए घोषपाड़ा रोड पर अवरोध कर विरोध प्रदर्शन किया. दो घंटे तक रास्ता अवरोध रहा. बाद में स्थिति सामान्य हुई. जानकारी के मुताबिक, हाल ही में 2 फरवरी को मिल चालू हुई थी. मिल में साढ़े चार हजार श्रमिक काम करते हैं और सात श्रमिक यूनियन हैं. बताया जाता है कि वोट की वजह से गुरुवार को मिल बंद रखी गयी थी. शुक्रवार और शनिवार को मिल बंद रहती है. रविवार से मिल चालू होनेवाली थी. बकाया ग्रेच्युटी भी देने की बात थी, लेकिन सुबह मिल के गेट पर पहुंचते ही श्रमिकों ने गेट पर नोटिस लगा देख हंगामा शुरू किया.
श्रमिकों का कहना है कि मिल प्रबंधन ने जान बूझ कर मिल को बंद किया है. उत्पादन नहीं होने और मजदूरों का सहयोग नहीं मिलने का झूठा आरोप लगाते हुए बहाने दिखा कर मिल बंद की गयी है. गुस्साये श्रमिकों ने प्रदर्शन करते हुए पास स्थित यूनियन के दफ्तरों में टेबल-कुर्सी समेत सारे सामानों में तोड़फोड़ करते हुए सामानों में आग लगा दी. इधर घटना की सूचना पाकर मौके पर एक दमकल का इंजन पहुंचा.
बताया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों ने मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों को भी बाधा दिया. अंत में किसी तरह से दमकल कर्मियों ने आग बुझायी. प्रदर्शन की वजह से कुछ देर घोषपाड़ा रोड भी अवरोध रहा. मौके पर पहुंची पुलिस के हस्तक्षेप के बाद अवरोध हटा. श्रमिकों का कहना है कि वोट खत्म होते ही मिल बंद कर दी गयी और ना ही कोई यूनियन और ना ही कोई नेता मजदूरों की सुध लेने आया. श्रमिकों ने आरोप लगाया है कि नोटिस में मिल प्रबंधन ने श्रमिकों के असहयोग का झूठा कारण दिखा कर मिल बंद की है.
श्रमिकों का आरोप है कि प्रत्येक दो-तीन माह के अंतराल पर मिल प्रबंधन बंद का नोटिस लगा देता है. रिलायंस जूट मिल के मजदूर राकेश साव ने कहा, ‘मैं सुबह छह बजे आया तो देखा गेट पर ताला लगा था. सस्पेंशन आफ वर्क का नोटिस लगाया गया था. मैनेजमेंट बात भी करने को तैयार नहीं था. इस महीने ही ग्रेच्युटी देने की बात थी, लेकिन नहीं दी गयी. ऐसी स्थिति में हमलोग कहां जायेंगे. हर नेता चुनाव से पहले वोट के लिए आये, लेकिन अब नेता तो दूर कोई यूनियन के नेता तक भी सुध लेने नहीं आये.’
इस संबंध में मिल मैनेजमेंट के वाइस प्रेसिडेंट राजेश्वर पांडे को बार-बार कॉल किये जाने पर भी उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. उनसे बात नहीं हो पायी. हालांकि, प्रबंधन की ओर से नोटिस के हवाले से बताया गया है कि मिल में उत्पादन में नियमित गिरावट होने, मिल में कुछ मजदूरों के समूह द्वारा नियमित कम उत्पादन करने व मिल मैनेजमेंट के कामों में दखल देने के कारण मिल प्रबंधन ने मिल बंद करने का निर्णय लिया. बता दें कि भाटपाड़ा में छठे चरण में मदतान हुआ था.
Posted By: Aditi Singh