हावड़ा: कोरोना वायरस के तेज संक्रमण के बीच बुधवार से एक माह के गढ़चुमुक पिकनिक स्पॉट भी बंद कर दिया गया. गढ़चुमुक को राज्य के पर्यटन स्थलों में गिना जाता है. इससे पहले वन विभाग गढ़चुमुक हिरण पार्क को गत 14 तारीख को ही बंद कर चुका है. फिलहाल उसे 10 मई तक बंद किया गया है. हावड़ा जिला परिषद से मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण के चलते पिछले वर्ष 16 मार्च से गढ़चुमुक पर्यटन केंद्र बंद था. कोरोना की स्थिति में कुछ सुधार होने पर गत वर्ष अगस्त में उसे खोल दिया गया था.
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लेकिन अब फिर से बंगाल समेत देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जिले में भी विभिन्न पार्कों व संग्रहालयों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. इसी क्रम में गढ़चुमुक पर्यटन केंद्र को भी बंद किया जा रहा है. इधर, गढ़चुमुक पर्यटन केंद्र के बंद होने की खबर से क्षेत्र के व्यापारी मायूस हैं. पार्क के पास एक फूड शॉप चलानेवाले ने कहा, बार-बार पार्क बंद होने से हमारा कारोबार बैठ गया है.
वहीं इधर, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते बुधवार को फिर से एशिया का प्राचीन बंडेल चर्च को बंद कर दिया गया है. चर्च के गेट पर इस बाबत नोटिस लगा दिया गया है. चर्च के फादर फ्रांसिस ने बताया कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण चर्च को बंद करने का निर्णय लिया गया है. केवल प्रार्थना के समय कोरोना प्रोटोकॉल को मानते हुए सामाजिक दूरी बरकरार रखते हुए 50 लोगों को अनुमति दी गयी है. विगत साल भी कोरोना के प्रकोप को देखते हुए चर्च को बंद कर दिया गया था. जब कोविड-19 का प्रकोप कम हुआ, तब जाकर दरवाजा खुला था. इस बार पहले से ज्यादा कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर तत्काल इसे बंद कर देना पड़ा.
इधर ,22 अप्रैल से बेलूड़ मठ के दरवाजे भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये गये. इस आशय की घोषणा करते हुए रामकृष्ण मठ व मिशन के महासचिव स्वामी सुबीरानंद ने बताया कि कोरोना वायरस के तेज संक्रमण के कारण गुरुवार 22 अप्रैल से बेलूड़ मठ में श्रद्धालु नहीं जा पायेंगे. ज्ञात रहे कि इससे पहले लॉकडाउन के कारण मठ को पिछले साल 25 मार्च को बंद किया गया था. फिर देश में चरणबद्ध ढंग से चले अनलॉक के तहत मठ को 15 जून को खोल दिया गया था. लेकिन तब मठ प्रांगण में ही करीब 60 संन्यासी संक्रमित हो गये थे.
इसके बाद दो अगस्त को मठ फिर बंद करना पड़ा. इस वर्ष 10 फरवरी को कोरोना नियमों के दायरे में बेलूड़ मठ को फिर से खोला गया. भक्तों को प्रांगण के सभी मंदिरों में प्रवेश की अनुमति थी, पर वहां बैठने, समय बिताने, आरती करने या भोग लेने की मनाही थी. इसके अलावा मास्क पहने भक्तों को निश्चित समय पर प्रवेश की अनुमति थी. पर हाल में कोरोना के द्रुत संक्रमण के मद्देनजर बेलूड़ मठ को फिर से बंद किया जा रहा है.
Posted By: Aditi Singh