कोलकाता: वर्ष 2007 में हुए नंदीग्राम आंदोलन के समय हिंसा की घटना के आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका दायर करने वालों में तृणमूल नेता शेख सुफियान, अबू ताहेर सहित कई नेता शामिल हैं. इस याचिका पर गुरुवार को न्यायाधीश हरीश टंडन व न्यायाधीश तीर्थंकर घोष की खंडपीठ पर सुनवाई होने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने नंदीग्राम आंदोलन के आरोपी तृणमूल नेताओं के खिलाफ मामलों को वापस लेने के लिए निचली अदालत में याचिका दायर की थी, निचली अदालत ने इसकी मंजूरी भी दे दी थी और उनको जमानत दे दी थी, लेकिन हाइकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी है.
अब पुलिस ने एक बार फिर इन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है, इसलिए गिरफ्तारी से बचने के लिए शेख सुफियान व अबू ताहेर सहित कई आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में हुए नंदीग्राम आंदोलन के समय कुल 13 मामले दर्ज किये गये हैं, जिनमें 40 लोगों को आरोपी बनाया गया है. राज्य सरकार ने इन मामलों को वापस लेने के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है.
वहीं दूसरी तरफ उत्तर 24 परगना जिले के बीजपुर केंद्र से प्रचार करने निकले भाजपा प्रत्याशी शुभ्रांशु राय के समर्थकों को बीच में बाधा देने का आरोप तृणमूल पर लगा है. आरोप है कि तृणमूल के लोग पूर्व सुनियोजित तरीके से प्रचार में बाधा देने के लिए खड़े थे. बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाला.
जानकारी के मुताबिक, हालीशहर के 13 और 14 नंबर वार्ड इलाके में भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में कार्यकर्ता रैली करते हुए जा रहे थे, उसी दौरान रास्ते में तृणमूल के समर्थक झंडा लिये सामने आ गये थे, जिसे लेकर थोड़ी देर तक तनाव का माहौल रहा. किसी तरह की अप्रिय घटना न हो, इसे देख पुलिस ने तत्परता दिखायी. इधर, भाजपा ने तृणमूल पर प्रचार में बाधा देने का आरोप लगाया है. तृणमूल ने भाजपा के आरोप को खारिज किया है.
Posted By- Aditi Singh