Bengal news : एक प्राइवेट हॉस्पिटल के हेल्थ कर्मियों की लापरवाही से नवजात की हुई मौत, 2 लाख क्षतिपूर्ति देने का निर्देश
Bengal news, Kolkata news, कोलकाता : कोलकाता के एक प्राइवेट हॉस्पिटल के हेल्थ कर्मियों की लापरवाही से एक नवजात की जान चली गयी. लापरवाही से नवजात की मौत के मामले की सुनवाई के बाद वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन (West Bengal Clinical Establishment Regulatory Commission) ने हॉस्पिटल पर 2 लाख रुपये क्षतिपूर्ति के तौर पर पीड़ित परिवार को भुगतान करने का निर्देश दिया है.
Bengal news, Kolkata news, कोलकाता : कोलकाता के एक प्राइवेट हॉस्पिटल के हेल्थ कर्मियों की लापरवाही से एक नवजात की जान चली गयी. लापरवाही से नवजात की मौत के मामले की सुनवाई के बाद वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन (West Bengal Clinical Establishment Regulatory Commission) ने हॉस्पिटल पर 2 लाख रुपये क्षतिपूर्ति के तौर पर पीड़ित परिवार को भुगतान करने का निर्देश दिया है.
इस मामले में कमीशन के चेयरमैन एवं पूर्व जस्टिस असीम कुमार बनर्जी ने बताया कि बारासात की रहनेवाली शर्मिष्ठा विश्वास को इको हाॅस्पिटल में प्रसव के लिए गत 4 नवंबर, 2020 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी दिन शर्मिष्ठा ने अपनी संतान को जन्म दिया. नवजात को नीकू में रखा गया था, पर अस्पताल के नर्स व सहायिका (आया) की लापरवाही के कारण अगले ही दिन शिशु की मौत हो गयी.
अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज की जांच में बाद पता चला कि सोते हुए शिशु को दूध पिलाया जा रहा था. जिस वजह से उसकी मौत हुई. इस विषय में आया से पूछे जाने पर उसने कहा कि बच्चा रो रहा था. अस्पताल की नर्सों को बुलाने पर भी वे नवजात के देखने नहीं गये. इस संबंध में आया ने कमीशन को लिखित जानकारी दी है. अस्पताल ने बच्चे का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया.
इस विषय में अस्पताल का कहना है कि पोस्टमार्टम (पीएम) कराये जाने के लिए परिवार को सुझाव दिया गया था. पर, इसके लिए वे तैयार नहीं थे. परिवार का कहना था कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए वे निर्णय नहीं ले सके. पीएम नहीं कराये जाने के कारण मौत का सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है.
कमीशन को अंदेशा है कि दम घुटने के कारण उसकी मौत हुई. कमीशन का कहना है कि अस्पताल की नर्स व आया की लापरवाही के कारण यह घटना हुई. इसलिए अस्पताल को कमीशन ने यह निर्देश दिया है कि वे पीड़ित परिवार को क्षतिपूर्ति के तौर पर 2 लाख रुपये का भुगतान करें.
Posted By : Samir Ranjan.