कोलकाता : खुद को बड़ा पुलिस अधिकारी बता कर पुलिस महकमे में नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ लोगों से 1.48 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार हुए. आरोपियों के नाम सुदीप्त सरखेल (47) और पल्लव सील उर्फ राणा (49) बताये गये हैं.
इस बाबत पीड़ित वीरभूूम निवासी बापन शेख ने हेयर स्ट्रीट थाने में गत 22 मार्च को शिकायत दर्ज करायी थी. दोनों आरोपी मुर्शिदाबाद के बहरमपुर और नदिया के निवासी हैं. ठगी की राशि काफी ज्यादा होने के कारण मामले की जांच में लालबाजार के एंटी बैंकफ्रॉड शाखा की टीम जुटी. फिर जाल बिछा कर आरोपियों को मध्य कोलकाता से दबोचा. बैकशाल कोर्ट में पेश किये जाने पर दोनों आरोपियों को छह अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश हुआ.
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी खुद को राज्य पुलिस का बड़ा अधिकारी बता कर अपने महकमे में नौकरी दिलाने का झांसा दिया करते थे. झांसे में आकर पीड़ित ने बारी-बारी से बड़ी राशि बताये गये खाते में ट्रांसफर की. आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है.
वहीं दूसरी तरफ सरकारी दफ्तरों में पत्र भेजकर अपना काम आसानी से करानेवाले एक फर्जी सरकारी अधिकारी को हेयर स्ट्रीट थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पकड़े गये आरोपी का नाम सुरेश हाजरा (50) है. वह हरिदेवपुर इलाके के कृष्णनगर का रहनेवाला है. वह खुद का परिचय आइपीएस रुद्र चंडी सान्याल के रूप में देता था. यही नहीं सरकारी दफ्तरों को भेजे गये पत्र में वह अशोक स्तंभ का इस्तेमाल कर बड़ा अपराध कर रहा था. शुक्रवार को उसे बैंकशाल कोर्ट में पेश करने पर आरोपी को अदालत ने छह अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हेयर स्ट्रीट व अन्य इलाकों में मौजूद कई सरकारी दफ्तरों से शिकायतें मिल रहीं थी कि आइपीएस रुद्र चंडी सान्याल के नाम से उनके दफ्तरों में कई पत्र भेजे जा रहे हैं. विभिन्न पत्रों में सरकारी काम को पूरा करने की सिफारिश की जा रही है. तुरंत काम नहीं होने पर अंजाम भुगतने को तैयार रहने को भी कहा जा रहा है. पत्र पर अशोक स्तंभ का भी स्टैंप रहता है.
शिकायत मिलने के बाद हेयर स्ट्रीट थाने की पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर गुप्त जानकारी के आधार पर हरिदेवपुर इलाके के कृष्णनगर से आरोपी को गिरफ्तार किया. प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वह इलाके में विभिन्न सरकारी दफ्तरों में अटके हुए काम को तुरंत कराने का लोगों से कांट्रैक्ट लेता था. इसके बाद विभिन्न काम को कराने के लिए कभी खुद को आइपीएस अधिकारी, कभी रॉ ऑफिसर, तो कभी नन कमीशंड ऑफिसर (एनसीओ) बताता था. उसके पास से कुछ कागजात भी जब्त किये गये हैं.
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Posted By- Aditi Singh