बर्दवान में मिला एक विशाल बदबूदार फूल, देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी

Bengal News In Hindi: बर्दवान के इदिलपुर क्षेत्र में स्थानीय लोगों के मन में इस फूल को लेकर कोहराम मचा हुआ है. निवासियों ने पहले कभी फूस तरह का फूल नही देखा है. जहां भय है वही विशाल आकर के फूल को लेकर उत्सुकता भी बढ़ रही है और साथ ही साथ घबराहट भी बढ़ रही है. स्थानीय लोग कुछ दिनों से बर्दवान के इदिलपुर क्षेत्र में एक पेड़ के नीचे इस विशाल फूल को धीरे-धीरे बढ़ते हुए देख रहे थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2021 1:00 PM
an image

मुकेश तिवारी: बर्दवान में एक विशाल फूल को देख जहां लोग आश्चर्यचकित है, वही रात में इससे निकलती दुर्गध से लोगों का जीना दूभर हो रहा है. तीव्र गंध से लोगों में भय का माहौल है. बर्दवान के इदिलपुर क्षेत्र में स्थानीय लोगों के मन में इस फूल को लेकर कोहराम मचा हुआ है. निवासियों ने पहले कभी फूस तरह का फूल नही देखा है. जहां भय है वही विशाल आकर के फूल को लेकर उत्सुकता भी बढ़ रही है और साथ ही साथ लोगों की घबराहट भी बढ़ रही है. स्थानीय लोग कुछ दिनों से बर्दवान के इदिलपुर क्षेत्र में एक पेड़ के नीचे इस विशाल फूल को धीरे-धीरे बढ़ते हुए देख रहे थे.

Also Read: बंगाल में कोरोना का कहर जारी, वैक्सीन के लिए मचा हाहाकार, 140 सेंटर बंद

फूल के कारण इस इलाके में पिछले दो दिनों से रात में बदबू आता था, बदबू के बाद जब लोग देखने पहुंचे वहां पेड़ के नीचे गहरे भूरे रंग की फूल की पंखुड़ियों से मिला. स्थानीय निवासी पंचानन धरा ने कहा, “मैंने पहले कभी इस तरह के फूल नहीं देखे हैं.सुबह जब मैं भूसे को काटने गया था तो मेरी नाक में एक तेज गंध आयी . नजदीक जाकर देखा तो तब मुझे महसूस हुआ कि इस फूल से गंध आ रही है.” फूल की पहचान के बारे में पूछे जाने पर बर्दवान विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अशोक घोष ने कहा,“ यह ओल के अलावा और कुछ नहीं है, जिसे मैं अपने भोजन के रूप में उपयोग करता हूं.

जिसका वैज्ञानिक नाम एमोफैलस टाइटेनियम है. यह उसका पुष्पक्रम है. अत्यधिक गर्मी में प्रजनन के लिए इस प्रकार का पुष्पक्रम अक्सर ओल के पौधों पर देखा जाता है. ” विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञानी जय प्रकाश केशरी ने कहा,जिससे ओल फिर से सबसॉइल में उगता है. प्रसार के लिए फूलों की कलियां (12-14 साल बाद) बनती हैं.इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है. इसमें सड़े हुए मांस की तरह गंध आती है. यह ओल के पौधे की एक बहुत ही आम प्रजाति है. कई जगहों पर इस तरह की घटनाएं देखी जा सकती हैं.

Also Read: 2 मई को कोई भी जीते, विजयी जुलूस नहीं निकाल पाएंगी राजनीतिक पार्टियां, कोरोना के कोहराम के बीच ECI का निर्देश

Posted By: Aditi Singh

Exit mobile version