Bengal News: 56 साल बाद अपने घर जा सकेंगे राधेश्याम, भूल जाने की बीमारी के कारण यूपी से हुए थे लापता

Bengal News In Hindi: पश्चिम बंगाल हैम रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि हिंगलगंज से सुशांत घोष नामक एक व्यापारी ने उन्हें कुछ दिन पहले फोन किया. घोष ने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति उनके इलाके में घूम रहा है, जो कई लोगों को घर पहुंचाने का आवेदन कर रहा है. वह अपने घर का पता नहीं बता पा रहा है. सिर्फ तहशील नामक किसी जगह का जिक्र कर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2021 4:15 PM
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कोलकाता: 14 वर्ष की किशोरावस्था में घर से लापता शख्स को 70 की उम्र में उत्तर 24 परगना के हिंगलगंज से ढूंढ निकाला गया. उसका नाम राधेश्याम यादव है. वह उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के अजमत नगर का रहनेवाला है. उसके छोटे भाई भोला यादव ने बरामद व्यक्ति की शिनाख्त अपने बड़े भाई राधेश्याम के रूप में की है. इस जानकारी के बाद यूपी से राधेश्याम का पूरा परिवार अपने बिछड़े भाई को ले जाने के लिए कोलकाता रवाना हो गया.

पश्चिम बंगाल हैम रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया कि हिंगलगंज से सुशांत घोष नामक एक व्यापारी ने उन्हें कुछ दिन पहले फोन किया. घोष ने कहा कि एक ऐसा व्यक्ति उनके इलाके में घूम रहा है, जो कई लोगों को घर पहुंचाने का आवेदन कर रहा है. वह अपने घर का पता नहीं बता पा रहा है. सिर्फ तहशील नामक किसी जगह का जिक्र कर रहा है. विश्वास ने कहा कि सुशांत घोष से यह जानकारी मिलने के बाद उन्हो‍ंने देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय हैम रेडियो क्लब के सदस्यों को इसकी सूचना दी.

विश्वास ने बताया कि कुछ ही दिनों की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें सफलता मिली और उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के अजमत नगर में राधेश्याम के छोटे भाई भोला का पता चला. भोला की उम्र भी 65 वर्ष के करीब हो चुकी थी. उसने अभी की तस्वीर में चेहरे को गौर से देख अपने बड़े भाई राधेश्याम को पहचान लिया.

परिवार के सदस्यों ने हैम रेडियो के सदस्यों को बताया कि राधेश्याम को भूल जाने की बीमारी थी. बचपन में कई बार वह गांव में लापता हो जाता था, हालांकि लापता होने के पांच-छह घंटों में गांव वाले विभिन्न इलाकों से उसे उसके घर पहुंचा देते थे. एक बार इसी तरह से घर से लापता हुआ तो वापस लौटा ही नहीं, जिसके बाद यूपी के बिलग्राम थाने में शिकायत दर्ज करने के बावजूद पुलिसवाले उसे ढूंढ नहीं सके. परिवारवाले उसके मिलने की आस छोड़ चुके थे. अचानक बिछड़े भाई के मिलने से परिवारवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

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Posted By: Aditi Singh

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