कोलकाता: कोलकाता पुलिस के एंटी राउडी स्क्वाड (एआरएस) की टीम ने जोड़ाबागान थाने की पुलिस के साथ मिलकर जोड़ाबागान से अपहृत एक युवक को सकुशल डानकुनी से मुक्त करा लिया है. युवक का नाम अविनाश तिवारी है. वह वैष्णव सेठ फर्स्ट लेन का रहनेवाला है. उसे डानकुनी स्थित एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के दफ्तर के अंदर कैद कर रखा गया था. युवक को डानकुनी ले जानेवाले आरोपी को हिरासत में लेकर पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक प्रमोद तिवारी नामक एक युवक ने विगत चार अप्रैल को जोड़ाबागान थाने में आकर अपने भाई अविनाश के अपहरण किये जाने की जानकारी दी. उसने बताया कि अविनाश को रिहा करने के बदले अपहर्ता 50 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं. इसके बाद जोड़ाबागान थाने की पुलिस के साथ एआरएस की टीम ने जांच शुरू की. पता चला कि अविनाश को डानकुनी में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के दफ्तर में कैदकर रखा गया है. इसके बाद पुलिस ने डानकुनी में रेड कर अविनाश को वहां से मुक्त करा लिया.
जांच में पता चला कि अविनाश एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में ब्रोकिंग का काम करता है. ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम के दौरान 50 हजार रुपये बकाया हो गया था. इस रुपये को वसूलने के लिए ही कुछ युवक उसे जबरन डानकुनी ले गये थे. कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि जोड़ाबागान थाने की पुलिस दोनों पक्षों का बयान लेकर अपहरण के पीछे के असली कारण का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
Posted by- Aditi Singh