कलकत्ता हाइकोर्ट ने राशन भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक (Forest Minister Jyotipriya Mallik) की याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. हाइकोर्ट के न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने एसएसकेएम अस्पताल में ज्योतिप्रिय मल्लिक के केबिन के अंदर से सीसीटीवी हटाने का आदेश दिया है. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि सीसीटीवी की बजाय, मंत्री की सुरक्षा पर नजर रखने के लिए सीआरपीएफ जवानों को केबिन के बाहर तैनात किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि अगर केबिन के बाहर कोई सीसीटीवी है, तो उसकी फुटेज इडी को सौंपनी होगी. साथ ही न्यायाधीश ने कहा कि यह आदेश आज से प्रभावी होगा.
कोर्ट के आदेश के मुताबिक, केबिन के बाहर सीआरपीएफ (CRPF) केबिन के अंदर की गतिविधियों को नियंत्रित करेगी. और कोर्ट ने आदेश दिया कि उनसे मिलने आने वाले सभी लोगों का नाम एक रजिस्टर पर लिखना होगा. सीआरपीएफ के जवाब इडी के साथ मिलकर यह निगरानी करेंगे. गौरतलब है कि इससे पहले इडी की याचिका को स्वीकार करते हुए निचली अदालत के आदेश पर अस्पताल के केबिन के अंदर और बाहर सीसीटीवी लगाये गये थे. राज्य के व ज्योतिप्रिय मल्लिक ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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कोर्ट के मुताबिक, एसएसकेएम अधीक्षक तय करेंगे कि केबिन में कौन प्रवेश कर सकता है. हालांकि, इडी ने इस आदेश का विरोध किया. उनका दावा है कि एसएसकेएम की भूमिका संदेह से परे नहीं है. यह अस्पताल ऐसे आरोपियों का ठिकाना बन गया है. अगर यह फैसला एसएसकेएम के हाथ में छोड़ दिया जाये, तो वे सभी को ज्योतिप्रिय मल्लिक से मिलने की इजाजत देंगे. इडी के अधिवक्ता ने दावा किया कि इससे जांच प्रभावित होगी. इसके बाद अदालत ने आदेश दिया कि ज्योतिप्रिय मल्लिक से मिलनेवालों को इडी के दो जांच अधिकारियों से भी अनुमति लेनी होगी.