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बंगाल पंचायत चुनाव : तृणमूल नेता चबा गया था बैलेट पेपर, चुनाव आयोग ने इतने केंद्रों के मतदान को किया रद्द

हावड़ा जिले के कुल 15 बूथों पर मतदान रद्द किया गया है. अधिसूचना के अनुसार, जिले के सांकराइल ब्लॉक के 15 बूथों का मतदान रद्द किया गाय है. इन बूथों से मतपत्रों की छिनताई हुई थी. सांकराइल ब्लॉक के 15 बूथों में मानिकपुर ग्राम पंचायत के नौ और सारेंगा ग्राम पंचायत के सात बूथ शामिल हैं.

पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने तीन जिलों हावड़ा, हुगली और उत्तर 24 परगना के 20 बूथों पर मतदान रद्द कर दिया है. मतगणना वाले दिन काउंटिंग सेंटर से बैलेट पेपर की छिनताई और मतपत्रों को मतगणना केंद्र से बाहर ले जाने के मामले में यह कार्रवाई की गयी है. आयोग को 11 जुलाई को मतगणना के दिन ही इसकी शिकायत मिली थी. जांच के बाद अब संबंधित बूथों का मतदान रद्द कर दिया गया है. मतदान रद्द किये जाने के संबंध में आयोग ने अधिसूचना जारी की है.

हावड़ा जिले में 15 बूथ पर मतदान रद्द

इसके अनुसार, हावड़ा जिले के कुल 15 बूथों पर मतदान रद्द किया गया है. अधिसूचना के अनुसार, जिले के सांकराइल ब्लॉक के 15 बूथों का मतदान रद्द किया गाय है. इन बूथों से मतपत्रों की छिनताई हुई थी. सांकराइल ब्लॉक के 15 बूथों में मानिकपुर ग्राम पंचायत के नौ और सारेंगा ग्राम पंचायत के सात बूथ शामिल हैं. इन 15 बूथों में भाजपा ने आठ बूथों पर जीत हासिल की है.

सांकराइल में जमकर हुआ था बवाल

मालूम रहे कि पिछले मंगलवार को मतगणना के दौरान सांकराइल के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में जमकर बवाल हुआ था. विपक्षी दलों के एजेंट को केंद्र के अंदर जाने से रोक दिया गया था. इस दौरान पुलिस और विपक्षी दलों के एजेंट के साथ धक्का-मुक्की भी हुई थी. विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि स्थानीय विधायक प्रिया पाल के कहने पर पुलिस ने उनलोगों को रोका था, ताकि वे लोग हेरफेर कर सकें.

चुनाव के दौरान लूटे गये थे मतपत्र

इसके बाद भाजपा और माकपा ने विधायक के खिलाफ आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग और राज्यपाल से शिकायत की थी. इसी तरह हुगली जिले के सिंगुर ब्लॉक के अंतर्गत बेराबेरी ग्राम पंचायत के नेताजी जयंती पाठागार में 13 नंबर सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया गया है. आयोग के अनुसार, चुनाव के दौरान इस बूथ पर गड़बड़ी होने के साथ मतपत्रों को लूट लिया गया था. इसी के साथ उत्तर 24 परगना के हाबरा (2) ब्लॉक के चार बूथों पर मतदान को रद्द कर दिया गया है.

पोलिंग स्टेशन पर बैलेट पेपर चबा गया तृणमूल नेता

मतगणना केंद्र से बैलेट पेपर लूट लिये गये थे. वहीं इसी ब्लॉक के भुरकुंडा इमदालिया सीनियर मदरसा स्थित पोलिंग स्टेशन पर बैलेट पेपर को तृणमूल के एक नेता ने चबा लिया था. ऐसे में मतदान रद्द किये जाने की जानकारी जिला पंचायत चुनाव अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट को भेज दी है. अब इन बूथों पर कब उप चुनाव कराया जायेगा इसकी जानकारी आयोग की ओर से नहीं दी गयी है.

सड़क पर बैलट पेपर मिलने के मामले में कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाओं के बीच हुगली जिले के जंगीपाड़ा में बैलट पेपर सड़क पर मिलने का मामला सामने आया है. इसे लेकर माकपा उम्मीदवार ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने स्थानीय बीडीओ को अदालत में तलब किया था. हाइकोर्ट के निर्देश पर जंगीपुर के बीडीओ गुरुवार को अदालत में पेश भी हुए.

जस्टिस अमृता सिन्हा ने बीडीओ से मांगे सीसीटीवी फुटेज

गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने बीडीओ से कई सवाल किये. बीडीओ का जवाब सुनने के बाद न्यायाधीश अमृता सिन्हा भड़क उठीं और उन्होंने विवादित मतगणना केंद्र का सीसीटीवी फुटेज जमा करने का निर्देश दिया. इस दौरान न्यायधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आखिर आपने ऐसा क्यों किया. आपको क्या लगता है, पंचायत चुनाव जीतने का मतलब पैसा ही पैसा. पंचायत चुनाव जीतने के बाद पांच साल तक जनता की सेवा के नाम पर पैसा बनाने का मौका मिल जायेगा.

जज ने कहा – स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव होना चाहिए था

न्यायाधीश ने फिर से कहा कि राज्य में स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव होना चाहिए था. सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने रिटर्निंग ऑफिसर से पूछा कि वोटों की गिनती कब शुरू हुई? प्रत्याशी व एजेंट कब अंदर आये और कब बाहर गये? इन सब सवालों का जवाब चाहिए. आयोग के वकील किशोर दत्ता ने बताया कि मामले की जांच का आदेश कोर्ट ने 12 जुलाई को दिया था. इस पर न्यायाधीश ने कहा कि सड़क पर बैलट पेपर मिलने की घटना 11 जुलाई को हुई थी तो उसके बाद आयोग ने क्या किया.

1000 बैलेट में से 400 का नहीं हुआ इस्तेमाल

आयोग के अधिवक्ता कोर्ट को बताया कि मामले की जांच की जा रही है. आयोग के मुताबिक, 1000 बैलेट पेपर में से 400 बैलेट पेपर का इस्तेमाल नहीं किया गया, जो रिटर्निंग ऑफिसर के पास वापस आ जाता है और चुनाव खत्म होने के बाद बैलेट पेपर का कोई महत्व नहीं रह जाता. इस पर न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने कहा कि इस घटना के लिये केंद्रीय या राज्य पुलिस जांच का आदेश नहीं दे सकतीं. इस मामले में आयोग को ही निर्णय लेना होगा.

बंगाल की जनता असुरक्षा से जूझ रही है : कोर्ट

न्यायाधीश ने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता असुरक्षा से जूझ रही है. लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उम्मीदवारों का चुनाव लड़ना स्वाभाविक है. रिटर्निंग ऑफिसर ने कोर्ट को एक हलफनामा सौंपा है. वीडियो फुटेज और सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत किये गये हैं. कोर्ट ने कहा कि हाइकोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी और रजिस्ट्रार जनरल की एक्सपर्ट टीम वीडियो की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी. मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.

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