बंगाल : परेशानी की घड़ी में मदद के लिए वाहनों में लगे पैनिक बटन उत्सुकता से दबा रहे लोग

राज्य सरकार के निर्देश पर राज्यभर में यात्री वाहनों में पैनिक बटन लगाये गये हैं . प्राइवेट वाहनों में यह बटन देखकर उत्सुकतावश कई लोग पैनिक बटन परखने के लिए दबा दे रहे हैं. पुलिस के पास फोन जाने पर पर पता चल रहा है कि पैनिक बटन परखने के लिए दबाया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2023 5:11 PM

कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : राज्य सरकार ने निर्देश देकर यात्री सुरक्षा के लिए सभी यात्री वाणिज्यिक वाहनों में वाहन स्थान ट्रैकिंग सिस्टम (वीएलटीएस) पैनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया है. जिससे सफर के दौरान अगर कोई पुरुष या महिला यात्री मुसीबत की घड़ी में उस बटन को दबा दे, तो सूचना सीधे परिवहन विभाग के जरिये जहां वह वाहन होगा, वहां के स्थानीय थाने में चली जायेगी. जिसके बाद लालबाजार या स्थानीय थाने की पुलिस तुरंत उस यात्री तक पहुंच जायेगी. लेकिन इस पैनिक बटन को लगाने से एक नयी समस्या पैदा हो गयी है. पैनिक बटन के पैनिक कॉल से एक तरफ परिवहन विभाग तो दूसरी तरफ कोलकाता पुलिसकर्मी की बेबसी बढ़ गयी है.

नया बटन देखकर उत्सुकता से दबा दे रहे हैं बटन

बताया जा रहा है कि स्कूली बच्चों से लेकर बस के कुछ यात्री नया उपकरण देख इस बटन को दबा दे रहे हैं. जिससे कंट्रोल रूम में पैनिक कॉल चला जा रहा है. जिसके बाद उक्त वाहन में लगे डिवाइस का लोकेशन ट्रेस करने के बाद स्थानीय थाने की पुलिस वहां मदद के लिए पहुंच रही है, तो पता चल रहा है कि वह बटन किसी यात्री ने उत्सुकतावश दबा दिया था.

Also Read: विधानसभा : मणिपुर हिंसा पर बयान दें प्रधानमंत्री, बोली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पुलिस के पास प्रति सप्ताह औसतन 50 से 70 फोन आ रहे हैं

पुलिस सूत्र बताते हैं कि उनके पास सप्ताह में औसतन 50 से लेकर 70 फोन इस तरह के आ रहे हैं. अधिकतर पैनिक फोन कॉल आने के बाद जब लालबाजार के निर्देश पर स्थानीय थाने की पुलिस मदद के लिए पहुंच रही है तो वह फोन किसी आपातकालीन स्थिति में नहीं, बल्कि नया बटन देखकर इसके प्रयोग को परखने के लिए बटन दबाये जाने की जानकारी मिल रही है. पुलिसकर्मियों में इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. किन पैनिक कॉल पर यकीन करें, किस पर नहीं करें, यह निर्णय लेना उनके लिए कठिन हो गया है.

Also Read: ममता बनर्जी ने कहा, राज्यभर में डेंगू के मामले बढ़े, सरकार ने नियंत्रण के लिये सभी अस्पतालों को किया अर्लट
फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के पहले लगाना पड़ता है यह बटन

बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए इस डिवाइस को वाणिज्यिक वाहनों के मालिकों को अपने वाहन में लगाना पड़ रहा है. वीएलटीएस बटन लगाने से कंट्रोल रूम से वाहन की आवाजाही को ट्रैक किया जाता है. सरकारी नियमानुसार बसों, स्कूल बसों, पुलकारों के भीतर हर दो मीटर के अंतराल पर एक बटन लगाना अनिवार्य किया गया है. प्राइवेट बसों में सीट की क्षमता के हिसाब से हर यात्री की सीट के ऊपर दोनों क्षोर पर यह बटन लगाया गया है. सफर के दौरान मुसीबत के समय यात्री पुलिस से मदद पाने के लिए यह बटन दबायें, इसके लिए यह बटन लगाया गया है.

Also Read: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में की घोषणा,अलीपुरदुआर के हासीमारा में बनेगा एयरपोर्ट
यात्रियों को जागरूक करने का किया गया है फैसला

इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए पुलिस की तरफ से लोगों को अब बसों में मार्केट में या फिर बस स्टैंड में इस बटन के बारे में विस्तृत जानकारी देकर यात्रियों को जागरूक करने का फैसला किया गया है, ताकि वे इस बटन की उपयोगिता को समझ सकें और यह बटन बिना वजह न दबायें.

Also Read: शिक्षक भर्ती घोटाला : कब और कैसे शुरु हुआ मामला, अब तक हुई है कितनी गिरफ्तारियां
क्या होता है पैनिक बटन

राज्य सरकार ने निर्देश देकर यात्री सुरक्षा के लिए सभी यात्री वाणिज्यिक वाहनों में वाहन स्थान ट्रैकिंग सिस्टम (वीएलटीएस) पैनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. जिससे सफर के दौरान अगर कोई पुरुष या महिला यात्री मुसीबत की घड़ी में उस बटन को दबा दे, तो सूचना सीधे परिवहन विभाग के जरिये जहां वह वाहन होगा, वहां के स्थानीय थाने में चली जायेगी. जिसके बाद लालबाजार या स्थानीय थाने की पुलिस तुरंत उस यात्री तक पहुंच जायेगी.

Also Read: मंत्री अनुराग ठाकुर का ममता पर कटाक्ष, ‘आपका समय धीरे-धीरे हो रहा है खत्म ‘
भांगड़ से हटा ली गयी है धारा 144

पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट को बताया है कि दक्षिण 24 परगना जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्र भांगड़ में अब शांति व्यवस्था कायम है. इसलिए वहां से धारा 144 हटा ली गयी है. सोमवार को हाइकोर्ट में भांगड़ हिंसा से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्र नाथ मुखर्जी ने दावा किया कि भांगड़ में स्थिति नियंत्रण है. गौरतलब है कि भांगड़ से आइएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने पुलिस द्वारा जारी किये गये धारा 144 के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें उनके ही विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा. सोमवार को न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि वहां से धारा 144 हटा ली गयी है. इसके बाद ही हाइकोर्ट ने कहा कि अब नौशाद सिद्दीकी को क्षेत्र में प्रवेश करने पर कोई रोक नहीं है. इसलिए मामले को निष्पादित किया जा रहा है.

Next Article

Exit mobile version