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हिंसा और BJP VS TMC, केंद्रीय राज्यमंत्री की गाड़ी पर हमले में ‘इंसाफ’, आम मतदाताओं को कब मिलेगी मदद?

Bengal Political Violence Update: पश्चिम बंगाल में राजनीति से जुड़ी हिंसा की घटनाएं नई बात नहीं हैं. पश्चिम बंगाल में राजनीति हिंसा की शिकार आम जनता के दुख और तकलीफों पर मुआवजे का मरहम लगाने की बात भी नई नहीं है. इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि आम जनता को हिंसा में सबसे ज्यादा तकलीफ क्यों होती है? क्यों उनके ही घर को जला दिया जाता है. क्यों उनकी दुकानों में ही लूटपाट की जाती है? आम जनता तो अपनी सरकार चुनती है. आखिर इन्हें ही सबसे ज्यादा निशाना क्यों बनाया जाता है?

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2021 2:14 PM
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Bengal Political Violence Update: पश्चिम बंगाल में राजनीति से जुड़ी हिंसा की घटनाएं नई बात नहीं हैं. पश्चिम बंगाल में राजनीति हिंसा की शिकार आम जनता के दुख और तकलीफों पर मुआवजे का मरहम लगाने की बात भी नई नहीं है. इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि आम जनता को हिंसा में सबसे ज्यादा तकलीफ क्यों होती है? क्यों उनके ही घर को जला दिया जाता है? क्यों उनकी दुकानों में ही लूटपाट की जाती है? आम जनता तो अपनी सरकार चुनती है. आखिर इन्हें ही सबसे ज्यादा निशाना क्यों बनाया जाता है?

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एक लाख से ज्यादा लोगों को घर छोड़ना पड़ा

सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि एक दिन पहले पश्चिम बंगाल में गुरुवार को केंद्रीय राज्यमंत्री वी मुरलीधरन की गाड़ी पर हुए हमले में कुछ लोग गिरफ्तार होते हैं. कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाता है. हिंसा के शिकार एक दर्जन से ज्यादा लोगों के परिवारों को दो-दो लाख मुआवजे का एलान किया गया है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है बंगाल में रिजल्ट के बाद जारी हिंसा के कारण एक लाख लोगों को घर छोड़ना पड़ा है. इनकी सुध कौन लेगा?

हिंसा में मारे गए लोगों पर मुआवजे का मरहम

दरअसल, दो मई को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का रिजल्ट निकला था. बंगाल में चुनाव प्रचार, रिजल्ट डे और रिजल्ट के बाद भी राज्य के विभिन्न जिलों से हिंसक घटनाएं रिपोर्ट की जा रही हैं. बीजेपी का आरोप है कि राजनीतिक हिंसा में 16 लोगों की मौत हुई है. टीएमसी के गुंडे राज्य में हिंसा का तांडव कर रहे हैं. जबकि, ममता बनर्जी का आरोप है कि हिंसा में बीजेपी, टीएमसी और तीसरे मोर्चे के कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है. हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए के मुआ‍वजे का एलान भी किया गया है. सीएम ममता बनर्जी ने किसी भी सूरत में हिंसा बर्दाश्त नहीं करने की बात कही है. लेकिन, हिंसा हो रही हैं.

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बंगाल की आम जनता को ज्यादा नुकसान क्यों?

दूसरी तरफ बंगाल में हिंसा से जुड़े मामलों की जांच करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम राज्य के दौरे पर है. केंद्र का आरोप है कि राज्य सरकार से हिंसा की घटनाओं को लेकर सवाल किए गए और उसने चुप्पी साध ली. बात बंगाल में राष्ट्रपति शासन की भी हो रही है. सीएम ममता बनर्जी का दावा है कि बीजेपी ने जनादेश को स्वीकार नहीं किया है और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है. यहां जिक्र करना जरूरी है कि केंद्रीय राज्य मंत्री वी मुरलीधरन पर हमले के मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, तीन पुलिसकर्मी भी सस्पेंड हो चुके हैं. बड़ा सवाल फिर वही है सरकार चुनने वाली आम जनता का कसूर क्या है? क्यों राजनीति से जुड़ी हिंसा का उन्हें ही ज्यादा नुकसान होता है.

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