कोलकाता : पश्चिम बंगाल लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पूरा जोर लगा दिया. बंगाल की धरती पर कमल खिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित तमाम बड़े नेताओं ने खासी मशक्कत की.
इन सबके बीच कांग्रेस-लेफ्ट-आइएसएफ गठबंधन राज्य में अपना वजूद बचाये रखने के लिए संघर्ष करते दिखे. बंगाल में इस बार चुनाव प्रचार में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी 44 दिनों तक व्हील चेयर पर रैलियां करतीं रहीं. उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी रोड शो व जनसभाओं के जरिये शक्ति प्रदर्शन करते रहे.
आला भाजपा नेताओं ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी, तो तृणमूल की ओर से ममता बनर्जी व अभिषेक बनर्जी ने ही प्रचार की कमान संभाले रखी. बीच-बीच में फिल्म जगत से जुड़े तृणमूल के सितारे देव, नुसरत व मिमी ने भी चुनाव प्रचार किया. बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा और समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन को भी बंगाल में तृणमूल के प्रचार के लिए बुलाया गया.
ममता बनर्जी ने 100 से अधिक सभाएं कीं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में 20 और अमित शाह ने 70 रैलियां कीं. प्रचार के आखिरी दिनों में भाजपा ने भ्रष्टाचार और केंद्रीय योजनाओं के बंगाल में लागू नहीं होने के मुद्दे को जोर-शोर से उछाला, तो ममता बनर्जी ने कोरोना का मुद्दा उठाया.
तृणमूल व भाजपा दोनों ने ही जनता से वादा किया है कि राज्य में उनकी सरकार बनी, तो मुफ्त टीकाकरण होगा. चुनावी लड़ाई के बीच भाजपा ने कोरोना के संबंध में प्रधानमंत्री की सभा में सीएम के शामिल नहीं होने के मुद्दे को भी तूल दिया.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए भाजपा ने आखिरी दो चरण के चुनावों में वर्चुअल रैलियों का सहारा लिया. कोरोना की स्थिति को देखकर प्रधानमंत्री ने अपने आखिरी दौरे की जनसभाएं रद्द कर दीं और वर्चुअल रैलियां कीं. जेपी नड्डा ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चुनाव प्रचार किये.
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दरअसल चुनाव आयोग ने बड़ी रैलियों व रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, आयोग के फैसले के पहले ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बंगाल में अपनी सभी रैलियों को रद्द कर दिया था. कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से वह अपनी रैलियां रद्द कर रहे हैं.
भाजपा ने राज्य में तानाशाही, तुष्टिकरण और तोलाबाजी का मुद्दा उछालते हुए ममता बनर्जी की अगुवाई में चल रही 10 साल पुरानी सरकार पर निशाना साधा. साथ ही वादा किया सत्ता में आने के बाद भाजपा राज्य में सुशासन की स्थापना करेगी. भाजपा की ओर से तृणमूल की चुनावी सभाओं में मुख्यमंत्री की भाषा पर भी सवाल उठाया गया.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का दावा है कि जहां चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया, वहीं तृणमूल ने राजनीति का स्तर गिराया. इसीलिए मुख्यमंत्री के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे की पाबंदी भी लगी थी.
Posted By : Mithilesh Jha