पश्चिम बंगाल में एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामलों के उजागर होने से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. तृणमूल खेमे से जुड़े मंत्री, विधायकों, नेताओं व उनके करीबियों की गिरफ्तारी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर राज्य की विपक्षी पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, माकपा व अन्य तृणमूल को घेरने से पीछे नहीं रहीं. यह कहना गलत नहीं होगा, कि केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों की जांच के साथ बंगाल में सियासी घमासान दौर भी जारी रहा है. एक बार फिर ईडी ने कार्रवाई करते हुए जब संदेशाखाली में तृणमूल नेता शहजहां शेख के घर पर छापेमारी अभियान चलाया ताे 200 से अधिक लोगों ने हमला कर दिया. इस घटना को लेकर भी बंगाल के राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी काफी बढ़ गई है. अब तक इन नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों ने बड़ी कार्रवाई की है.
-
ज्योतिप्रिय मल्लिक, वन मंत्री
27 अक्टूबर 2023. राशन वितरण मामले में ज्योतिप्रिय मल्लिक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने रात भर घर पर छापेमारी की. देर रात उन्हें साल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स ले जाया गया और उनसे पूछताछ की गई. मामले की जांच के बाद राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. 2020 में राशन वितरण में भ्रष्टाचार का पहला आरोप लगा था. 2020 से 2022 के बीच नदिया जिले में तीन मामले दर्ज किये गये थे. उसी के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी.
-
पार्थ चटर्जी, पूर्व शिक्षा मंत्री
23 जुलाई 2022 को राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया. पार्थ चटर्जी को भर्ती भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ्तार किया था. ईडी ने पार्थ चटर्जी के आवास पर छापेमारी की थी और उसके बाद उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापेमारी की थी. अर्पिता मुखर्जी के आवास से लगभग 50 करोड़ नकद कैश मिले थे. उन पर शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार करने का आरोप है. उनकी गिरफ्तारी के बाद कई शिक्षा विभाग के पूर्व आला अधिकारियों की भी गिरफ्तारी हुई थी. फिलहाल सभी जेल हिरासत में हैं.
-
अनुव्रत मंडल, बीरभूम टीएमसी जिला अध्यक्ष
11 अगस्त 2022 को गौ तस्करी के मामले में अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने बीरभूम के बाहुबली अनुब्रत बनर्जी के बोलपुर स्थित घर से गिरफ्तार किया था. अनुव्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद उनकी बेटी सुकन्या मंडल को भी गिरफ्तार कर लिया गया. इन पर गाय तस्करी और कोयला तस्करी में शामिल होने का आरोप है. फिलहाल अनुव्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल सहित उनके करीबी दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं.
-
माणिक भट्टाचार्य, टीएमसी विधायक
11 अक्टूबर 2022 को तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था. नादिया के पलाशीपारा के इस विधायक को शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि टीईटी में फर्जी उत्तर पुस्तिका जमा कर अयोग्य लोगों ने नौकरी हासिल कर ली और आरोप था कि माणिक भट्टाचार्य ने जानबूझकर उन्हें नौकरी दिलवाई. माणिक प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष थे और पार्थ चटर्जी के काफी करीबी माने जाते थे. भर्ती मामले में माणिक भट्टाचार्य की दूसरी गिरफ्तारी थी. फिलहाल जेल में हैं.
-
जीबनकृष्ण साहा, टीएमसी विधायक
17 अप्रैल 2023. मुर्शिदाबाद के विधायक जीबनकृष्ण साहा को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. जीबनकृष्णा को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था. 65 घंटे की लगातार तलाशी के बाद इस तृणमूल विधायक को गिरफ्तार किया गया. उन पर कैश के बदले शिक्षक की नौकरी देने का आरोप लगा था. आरोप है कि उनकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत थी और अयोग्य लोगों को कैश के बदले नौकरी दी थी. फिलहाल जेल हिरासत में हैं.
-
कुंतल घोष, पूर्व टीएमसी युवा नेता
21 जनवरी 2023. कुंतल घोष को शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. निजी कॉलेज संगठन के नेता तापस मंडल से पूछताछ के बाद कुंतल का नाम सामने आया. कुंतल हुगली के तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता थे. आरोप है कि वह पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के लिए काम करते थे और स्थानीय स्तर पर अयोग्य युवाओं को अनैतिक रूप से शिक्षक की नौकरी दिलाने में मदद की थी. फिलहाल जेल हिरासत में हैं.
-
शांतनु बनर्जी, पूर्व टीएमसी युवा नेता
11 मार्च 2023 को कुंतल घोष के करीबी शांतनु बनर्जी को ईडी ने गिरफ्तार किया था. वह शांतनु हुगली जिला परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी थे. कुंतल की तरह, हुगली के तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता को 7 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था. जांचकर्ताओं ने बालागढ़ में उसके घर से एडमिट कार्ड, विभिन्न दस्तावेज बरामद किए थे. फिलहाल यह भी जेल हिरासत में हैं.
-
तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख
तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापेमारी की और उन्हें शाहजहां के समर्थकों के हमलों का सामना करना पड़ा. समर्थकों ने अधिकारियों और उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाया है. शाहजहां को राज्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी सहयोगी माना जाता है.ज्योतिप्रिय मल्लिक को करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. यह छापेमारी करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले में एजेंसी की चल रही जांच के लिए अहम मानी जा रही थी.