Mamata Banerjee : बढ़ायी गयी राज्य सचिवालय नबान्न की सुरक्षा, शुभेंदु अधिकारी ने उठाया सवाल

राज्य सचिवालय के द्वारों पर विशेष निगरानी रखी जा सके. सूत्रों के मुताबिक, पार्किंग में खड़ी होने वाली कारों के नंबर नोट करने का भी आदेश दिया गया है. इसके अलावा, आरएफआइडी तकनीक को तेजी से लागू करने के बारे में भी चर्चा हुई है.

By Shinki Singh | December 15, 2023 1:15 PM
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संसद में स्मोक कांड के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने राज्य सचिवालय नबान्न भवन की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. उत्तर बंगाल से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहली बार राज्य सचिवालय पहुंची थीं. अन्य दिनों में वह करीब 11 बजे राज्य सचिवालय जाती हैं, लेकिन आज वह समय से काफी पहले ही अपने कार्यालय पहुंचीं. सूत्रों के मुताबिक, जब वह राज्य सचिवालय पहुंचीं, तो उस वक्त उन्हें सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाला कोई भी अधिकारी नजर नहीं आया. हालांकि, बाद में उन्होंने अपने मुख्य सुरक्षा प्रभारी को मामले को देखने के लिए कहा.

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य सुरक्षा प्रमुख ने राज्य सचिवालय में अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में खुफिया विभाग को और अधिक सक्रिय रहने की सलाह दी गयी है. साथ ही राज्य सचिवालय के प्रवेश द्वारा पर सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए कहा गया है. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कोलकाता पुलिस को अधिक सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रवेश और निकास के दौरान राज्य सचिवालय के द्वारों पर विशेष निगरानी रखी जा सके. सूत्रों के मुताबिक, पार्किंग में खड़ी होने वाली कारों के नंबर नोट करने का भी आदेश दिया गया है. इसके अलावा, आरएफआइडी तकनीक को तेजी से लागू करने के बारे में भी चर्चा हुई है.

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शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर उठाये सवाल

विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर उनकी सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. इसे लेकर श्री अधिकारी ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की. हाइकोर्ट में न्यायाधीश जय सेनगुप्ता की बेंच में मामले की सुनवाई हुई. हाइकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. कोर्ट ने रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा भी तय कर दी है. न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार इस संबंध में पांच फरवरी तक अदालत को एक रिपोर्ट सौंपे. विधानसभा में विपक्ष के नेता को क्या सुरक्षा मिलनी चाहिए और वर्तमान में उन्हें कौन-सी सुरक्षा प्रदान की जा रही है? इसकी विस्तृत जानकारी कोर्ट को देने का आदेश दिया गया है.

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