पश्चिम बंगाल के विधानसभा परिसर में आज भाजपा और तृणमूल के बीच जमकर हंगामा हुआ है. बुधवार की दोपहर विधानसभा चौराहा एक ऐसी अभूतपूर्व घटना का गवाह बना. तृणमूल विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा परिसर में अंबेडकर प्रतिमा के नीचे केंद्रीय योजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि 100 दिनों के काम सहित कई परियोजनाओं के लिए धन रोक दिया गया था. वे काफी देर तक एक ही स्थिति में बैठकर केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ नारे लगाते रहे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद वहां थीं. सभी विधायक काले कपड़े पहने हुए थे.
धर्मतल्ला में अमित शाह की बैठक खत्म होने के बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी अचानक बीजेपी विधायकों के साथ विधानसभा परिसर में आ गए. बीजेपी विधायक जवाबी नारे लगाने लगे. जहां तृणमूल नरेंद्र मोदी, अमित शाह के नाम पर ‘भाजपा के सारे चोर’ जैसे नारे लगा रही है, वहीं बीजेपी विधायक पार्थ चटर्जी, ज्योतिप्रिय मल्लिक के नाम पर ‘तृणमूल के सारे चोर हैं’ जैसे नारे लगा रहे हैं. बीजेपी की ओर से भी तृणमूल के चोर -चोर के नारे लगाए गए. सत्ता पक्ष की ओर से धीरे-धीरे नारेबाजी बढ़ती जा रही है.
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सुकांत मजूमदार ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने यहां भाजपा की रैली में जो अड़चन डालने का प्रयास किया उसके लिए सत्तारूढ़ दल का ‘दवा’ देकर इलाज करने की जरूरत है. भाजपा द्वारा जवाबी कार्रवाई करने की पुरजोर वकालत करते हुए मजूमदार ने कहा, ”टीएमसी सरकार ने भय के चलते पूरे राज्य में आतंक फैला रखा है. राज्य सरकार ने इस रैली को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की. पहले पुलिस ने अनुमति देने से इंकार कर दिया और फिर वे अदालत में चले गए. मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से उन पुलिस अधिकारियों की पहचान करने को कहता हूं, जिन्होंने हम पर अत्याचार किया.
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