विदेशी नागरिकों व अन्य राज्यों से आने वाले रोगियों के मुफ्त इलाज पर लगी रोक, अब देना होगा शुल्क

जब किसी विदेशी नागरिक को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो इसकी सूचना क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी को दी जानी चाहिए. फॉर्म सी भरकर वीजा, पासपोर्ट का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ममता बनर्जी ने बंगाल के लोगों को स्वास्थ्य साथी कार्ड पहुंचाकर चिकित्सा प्रणाली में क्रांति ला दी है

By Shinki Singh | September 9, 2023 7:03 PM
an image

पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में अब विदेशी नागरिकों व अन्य राज्यों से आने वाले रोगियों को मुफ्त इलाज नहीं मिलेगा. इस बाबत इस बार दिशा-निर्देश जारी किया गया हैं. कई बार देखा जा रहा है कि बांग्लादेश समेत अन्य राज्यों के नागरिक चिकित्सा सेवा लेने के लिए पश्चिम बंगाल आ रहे हैं. क्योंकि यह राज्य करीब है और वे यहां विभिन्न सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराने के बाद वापस लौट जा रहे हैं. इस बार राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ी. माना जा रहा है कि इस तरह के कदम का मकसद एक तरफ आय बढ़ाना है .

बंगाल की चिकित्सा व्यवस्था पहले से ज्यादा बेहतर

इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने विदेशी नागरिकों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने यह आदेश जारी किया है. इसलिए विदेशी नागरिकों को अब गिव एंड टेक पॉलिसी पर चिकित्सा सेवाएं लेनी होंगी. उल्लेखनीय है कि बंगाल की चिकित्सा व्यवस्था पहले से ज्यादा बेहतर हुई है. इसके अलावा, ममता बनर्जी ने बंगाल के लोगों को स्वास्थ्य साथी कार्ड पहुंचाकर चिकित्सा प्रणाली में क्रांति ला दी है. अब सरकारी अस्पतालों में अधिक सेवाएं उपलब्ध हैं. दूसरे देशों से यहां आने वालों की वजह से बंगाल के लोगों की उपेक्षा होती है. इसे रोकने के लिए यह एक कदम है.

विदेशी नागरिकों को सरकारी अस्पतालों में न्यूनतम लागत पर इलाज उपलब्ध

दिशा निर्देश में कई बिंदुओं का उल्लेख किया गया है. राज्य सरकार विदेशी नागरिकों को बंगाल के सरकारी अस्पतालों में न्यूनतम लागत पर इलाज उपलब्ध कराएगी. वहीं जनरल वार्ड में भर्ती विदेशी मरीजों का इलाज हेल्थ पार्टनर के रेट चार्ट के अनुसार किया जाएगा. इसके अलावा, बिस्तर का किराया, ऑपरेशन लागत सब उस चार्ट के अनुसार होगा. जो मरीज इस रेट चार्ट के दायरे में नहीं आएंगे उनका इलाज न्यूनतम लागत पर किया जाएगा. सरकारी अस्पतालों में सभी तरह के पेइंग केबिन के लिए नई दरें तय की जाएंगी.

Also Read: बंगाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ विदेश दौरे के लिए सौरभ गांगुली को भी न्योता
मरीजों से जुड़ी जानकारी  सूचना क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी को दी जायें

हालांकि, इन दिशा-निर्देशों में दो रुपये के आउटडोर टिकट और अस्पतालों में मुफ्त दवाओं का कोई जिक्र नहीं है. लेकिन यह सरकारी सेवा में कार्यरत विदेशी नागरिकों पर लागू नहीं होता है. उन्हें मुफ्त में इलाज मिलेगा. राज्य स्वास्थ्य सचिव ने इस गाइडलाइन में एक और बात का जिक्र किया है. स्वास्थ्य सचिव ने दिशा निर्देशों में उल्लेख किया है कि जब किसी विदेशी नागरिक को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है तो इसकी सूचना क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी को दी जानी चाहिए. फॉर्म सी भरकर वीजा, पासपोर्ट का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. पड़ोसी देशों के नागरिकों को भारतीयों के समान चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. वहीं कोलकाता के निजी अस्पताल हजारों करोड़ रुपये का कारोबार कर रहे हैं.

Also Read: अब बर्दवान और कोलकाता नही बल्कि कालना महकमा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ही हीमोफीलिया का इलाज शुरू
अज्ञात बुखार की चपेट में आने वालों की संख्या में तेजी से हो रहा है इजाफा

पश्चिम बंगाल में अज्ञात बुखार से हर कोई दहशत में है. राज्य के बच्चे से लेकर वृद्ध तक हर वर्ग के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. डाक्टर इसे डेंगू मानने को तैयार नही हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर यह डेंगू नहीं है, तो फिर क्या है ? दरअसल अब प्रदेश भर में वायरल फीवर शुरू हो गया है. उसके कारण घर-घर में लोग बुखार से पीड़ित होकर बिस्तर पर पड़े हुए हैं. इसे लेकर तरह-तरह के चर्चा फिर से शुरू हो गई हैं. बहुत से लोग पहले इसे डेंगू सोच रहे हैं. लेकिन जांच से पता चल रहा है कि यह डेंगू नहीं, बल्कि वायरल बुखार है. डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस डेंगू के दोस्त की भूमिका निभा रहा है. इससे लोगों को बुखार आ रहा है और वो वायरल फीवर कंपा रहा है.

संक्रमितों की संख्या 10 हजार बढ़ी

संक्रमितों की संख्या 10 हजार बढ़इसका प्रकोप अब और अधिक दिखाई दे रहा है.इस बीच, अगस्त के बाद से राज्य में डेंगू के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. लोग डरे हुए हैं ऐसे में लोगों को बुखार आ रहा है तो लोग घबरा जा रहे हैं. हालांकि, एक महीने में संक्रमितों की संख्या 10 हजार बढ़ गई है. इस साल जनवरी से अब तक राज्य में लगभग 17,000 लोग डेंगू से प्रभावित हुए हैं. ये संख्या फिर से बढ़ रही है. उसी तरह से वायरल फीवर से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है, लोग दहशत में हैं. अब स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि हर अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगने लगी है.

Also Read: West Bengal Breaking News : राष्ट्रपति की जी20 रात्रिभोज में शामिल होंगी सीएम ममता बनर्जी

Exit mobile version