कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और यहां सत्ता की जंग जारी है. पर ऐसा नहीं है कि चुनाव खत्म होने के बाद यहां राजनीति की तपिश ठंडी हो जायेगी. चुनाव के बाद भी बंगाल लगातार सुर्खियों में रहेगा. वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनाव तक पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल गरम रहना तय है.
बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 के आठ चरणों में से तीन चरण में 91 सीटों पर मतदान हो चुके हैं. बाकी पांच चरणों में 203 सीटों पर चुनाव होने बाकी हैं. यदि आप सोच रहे हैं कि चुनाव नतीजों के बाद बंगाल नेशनल न्यूज चैनल से गायब हो जायेगा, तो आप गलत हैं.
जानकारों की मानें, तो विधानसभा चुनाव में बंगाल में जो सियासी उठापटक दिख रही है, उसके पीछे राज्य की नहीं, बल्कि केंद्र की सत्ता के लिए भी संघर्ष है. भाजपा ने पश्चिम बंगाल में इतिहास बनाने व सत्ता परिवर्तन के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. इसके पीछे बंगाल में ही भगवा परचम लहराना उद्देश्य नहीं है.
वर्ष 2024 के आम चुनाव की जमीन भी भाजपा मजबूत कर लेना चाहती है, ताकि दिल्ली के रास्ते में तब भी कोई व्यवधान उत्पन्न न हो. भाजपा आलाकमान को अंदेशा है कि उत्तर भारत से लेकर पश्चिम के जिन राज्यों में भगवा पार्टी सत्ता के शिखर पर पहुंच चुकी है, वहां सत्ता विरोधी भावनाएं कुछ क्षति पहुंचा सकती हैं.
ऐसे में जिन राज्यों में भगवा लहर पूरी तरह नहीं छायी है, वहां पूरा जोर व ध्यान लगाया जाये. ऐसे में स्वाभाविक ही भाजपा के निशाने पर पश्चिम बंगाल व ओड़िशा जैसे राज्य हैं. वैसे पश्चिम बंगाल में वर्ष 2019 के पिछले आम चुनाव में भाजपा को बंगाल की 18 सीटें मिली हैं. कुल 42 संसदीय सीटों में से 22 तृणमूल कांग्रेस के खाते में हैं. भाजपा का लक्ष्य 2024 में होने वाले आम चुनाव तक राज्य से 25 सीटें जीतना है. इसके लिए भगवा ब्रिगेड पूरा दमखम लगाये हुए है.
Posted By : Mithilesh Jha