एडिनो वायरस के मामले में देश में बंगाल शीर्ष पर, राज्य में जनवरी से नौ मार्च तक 38% बच्चे हुए संक्रमित

एडिनो के मामले में देश के अन्य राज्यों की तुलना में पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है. राज्य में संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या चिंताजनक है. देश में पहली बार किसी राज्य में इस तरह का प्रकोप देखा जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 11, 2023 11:52 AM
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कोलकाता

राज्य में एडिनो वायरस का कहर जारी है. बुखार, सर्दी, खांसी, सांस लेने में दिक्कत व निमोनिया की चपेट में आने से लगातार शिशुओं की मौत हो रही है. संक्रमण का प्रकोप कम ना होकर बढ़ता ही जा रहा है. पर स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. चिंता करने की कोई बात नहीं है. पर इस आईसीएमआर नाइसेड द्वारा पेश किये गये एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि एडिनो वायरस का प्रसार देश के अन्य राज्यों की तुलना में पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है.

हालांकि, आईसीएमआर- नाइसेड के सर्वेक्षण में कहा गया है कि राज्य में एडिनो वायरस से संक्रमित होने वाले वाले बच्चों की संख्या चिंताजनक है. पूरे देश पहली बार किसी राज्य में इस तरह का प्रकोप देखे जाने का दवा किया गया है.

नाइसेड निदेशक प्रो. डॉ शांता दत्ता ने कहा कि पूरे देश में पश्चिम बंगाल में एडिनो वायरस के मामले सबसे अधिक हैं. निदेशक डॉ शांता दत्ता ने कहा, “जनवरी से 9 मार्च तक बंगाल में 38 प्रतिशत बच्चे एडिनो वायरस से संक्रमित हुए हैं. वहीं पश्चिम बंगाल के बाद संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर तमिलनाडु है. उन्होंने बताया कि आमतौर पर, वायरस श्वसन मार्ग के संक्रमण करता है. बच्चों की मौत के पीछे कौन सा वायरस है, इसका पता लगाने के लिए देशभर में आईसीएमआर की वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज में सर्वे किया जा रहा है.

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इन राज्य में फैला हुआ है संक्रमण

डॉ दत्ता ने बताया कि, एडिनो वायरस का सबसे अधिक प्रकोप पश्चिम बंगाल मे देखा जा रहा है. यहां 38 फीसदी मामले सामने आ चुके हैं. तमिलनाडु में 19 फीसदी, केरल में 13 फीसदी, दिल्ली में 11 फिसदी और महाराष्ट्र से पांच फीसदी मामले सामने आ चुके हैं. केंद्र के सर्वे से स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में आ गया है.

डॉक्टरों के एक समूह का दावा है कि जनवरी में एडिनो वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है, लेकिन इसके बाद भी इस संक्रमण को लेकर राज्य सरकार की ओर से पहली बार पहली 18 फरवरी को एडवाइजरी राजी की गयी थी. सरकारी बयान में दावा किया गया था कि एडिनो का प्रकोप गंभीर नहीं. लेकिन, आईसीएमआर – नाइसेड के सर्वे से कुछ और ही तस्वीर सामने आ रही है.

एडिनो हाइब्रिड वायरस, 3 और 7 प्रसार का मुख्य कारण

नाइसेड के निदेशक शांता दत्ता ने बताया कि, राज्य में एडिनो वायरस के आंकड़े डरा रहे हैं. संक्रमण का आंकड़ा 38 प्रतिशत को पार कर रहा है. जो बहुत अधिक है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि बंगाल में एडिनो वायरस के प्रसार का मुख्य कारण ””एडिनो हाइब्रिड वायरस, 3 और 7 का हाइब्रिड है.”” संक्रमित बच्चों के नमूने में यह दोनो हाइब्रिड वायरस की उपस्थिति पहले के अपेक्षा अधिक देखी जा रही है. क्या इस नये हाइब्रिड संस्करण में कोई नया बदलाव ला सकता है. यह जानने की कोशिश की जा रही है.

क्या कहते है स्वास्थ्य सचिव

राज्य संक्रमण का प्रकोप घट रहा है. पर नाइसेड की यह रिपोर्ट अब तक हमें मिली नहीं है. हमने नाइसेड से उक्त रिपोर्ट की मांग की है.

नारायण स्वरुप निगम, स्वास्थ्य सचिव , राज्य स्वास्थ्य विभाग.

आईसीएमआर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, पूरे देश में एडेनोवायरस-पॉजिटिव परीक्षण किए गए स्वैब नमूनों में से 38 प्रतिशत पश्चिम बंगाल के हैं.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हैजा एंड एंटरिक डिजीज (एनआईसीईडी) द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, पूरे देश में एडेनोवायरस-पॉजिटिव परीक्षण किए गए स्वैब नमूनों में से 38 प्रतिशत पश्चिम बंगाल के हैं. 1 जनवरी से 9 मार्च तक देश भर में विभिन्न वायरल अनुसंधान निदान प्रयोगशालाओं में 1,708 नमूनों पर किए गए सर्वेक्षण में 650 नमूनों का परीक्षण एडेनोवायरस-पॉजिटिव पाया गया है.सर्वे के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 650 नमूनों में से 38 प्रतिशत का परीक्षण सकारात्मक रहा है, जो सभी भारतीय राज्यों में सबसे अधिक है.

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