पश्चिम बंगाल में दुर्गापूजा से ठीक पहले परिवहन विभाग (Transport Department) ने नोटिस जारी किया था, जिसके तहत यातायात उल्लंघन जुर्माना का भुगतान क्लियर होने पर ही पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसी) जारी करने का निर्देश दिया गया था. यानी यदि किसी वाहन चालक ने यातायात नियमों के उल्लंघन के जुर्माने का भुगतान नहीं किया, तो उसे प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जायेगा. इस नोटिफिकेशन के बाद विभिन्न परिवहन संगठनों ने परिवहन सचिव को पत्र लिख कर यातायात कानून तोड़ने पर लगने वाले जुर्माने के दिशानिर्देशों को वापस लेने की मांग की थी. इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने संगठनों के साथ बैठक की. इसके बाद परिवहन विभाग ने संबंधित पोर्टल पर यातायात कानून तोड़ने पर जुर्माना जोड़ने का मुद्दा वापस ले लिया.
यह नियम वाणिज्यिक और निजी, दोनों वाहनों के लिए लागू किया गया था. परिवहन संगठनों ने आपत्ति जतायी थी कि ट्रैफिक कानून तोड़ने पर जुर्माना अब पांच गुना बढ़ गया है.कई मामलों में तो ये ड्राइवर जान भी नहीं पाते हैं कि उन पर जुर्माना लगाया गया है. पहले ऐसे मामलों में जुर्माना लगने पर लोगों को अदालत जाने की नौबत आती थी. संगठन की शिकायत है कि नयी गाइडलाइंस में ऐसा कोई मौका नहीं है.
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बस, मिनी बस, ऐप-कैब और स्कूल कार ऑपरेटरों के संयुक्त मंच, ज्वाइंट फोरम ऑफ ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स ने परिवहन सचिव को पत्र लिखकर निर्देश वापस लेने की मांग की है. विभाग के सूत्रों के मुताबिक इसके बाद विभिन्न संगठनों के साथ हुई बैठक में संबंधित पोर्टल पर ट्रैफिक कानून तोड़ने पर जुर्माना जोड़ने की बात वापस ले ली गयी है. नतीजतन, अब से प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र लेने में बकाया भुगतान करना अनिवार्य नहीं होगा.
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