TMC के मंत्री की हैट्रिक की राह में रोड़ा हो सकते हैं पूर्व मेयर, जानें पश्चिम बंगाल की विधाननगर सीट का समीकरण

Bengal vidhan sabha chunav 2021 : विधानसभा चुनाव में चर्चित सीटों में विधाननगर सीट भी शामिल है, जहां इस बार कांटे की टक्कर है. इस बार के चुनावी मैदान में इस सीट से दो बार से विजयी होते आ रहे राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बोस को तृणमूल ने उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं दूसरी ओर विधाननगर के पूर्व मेयर सब्यसाची​ दत्ता के भाजपा में आने के बाद से ही इस सीट पर पार्टी की जमीन मजबूत हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 10, 2021 9:32 AM

विधानसभा चुनाव में चर्चित सीटों में विधाननगर सीट भी शामिल है, जहां इस बार कांटे की टक्कर है. इस बार के चुनावी मैदान में इस सीट से दो बार से विजयी होते आ रहे राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बोस को तृणमूल ने उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं दूसरी ओर विधाननगर के पूर्व मेयर सब्यसाची​ दत्ता के भाजपा में आने के बाद से ही इस सीट पर पार्टी की जमीन मजबूत हुई है. ऐसे में इस सीट पर मंत्री के लिए चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाना लोहे के चने चबाने जैसा है.

मंत्री की जीत की राह में पूर्व मेयर रोड़ा बनते दिख रहे हैं. वहीं, माकपा-कांग्रेस गठबंधन भी जीत के लिए चुनावी मैदान में पूरी जोर लगा रहा है. कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा इस सीट पर मंत्री को टक्कर देने के लिए सब्यसाची दत्ता को ही टिकट दे सकती है. विधाननगर विधानसभा के अंतर्गत विधाननगर नगर निगम के क्षेत्र के अलावा दक्षिण दमदम नगरपालिका के 19, 20 और 28 से लेकर 35 नंबर वार्ड तक के क्षेत्र शामिल हैं

चुनाव में कोल्ड वार बनेगा हॉट वार- बताते चलें कि सब्यसाची दत्त और सुजीत बोस के विवाद पुराना है. एक ही पार्टी में रहने के दौरान भी दोनों गुटों में पहले भी कई बार विवाद हो चुका है. हालांकि विवद खुलकर सामने नहीं आये थे. मेयर रहने के दौरान भी श्री दत्ता के समर्थकाें के साथ मंत्री की तूतू-मैंमैं होती रही. लेकिन विधानसभा चुनाव में यह शीत युद्ध (कोल्ड वार) अब हॉट वार में तब्दील होता दिख रहा है

लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में हुए शामिल – सब्यसाची दत्ता 2015 में चुनाव जीतने के बाद विधाननगर के मेयर बने थे. सुजीत बोस, कृष्णा चक्रवर्ती को टक्कर देकर सब्यसाची को ही मेयर पद मिला था. पार्टी भी इन्हें ही इस पद के लिए स्वीकारा. इसके बाद से ही तृणमूल में सुजीत बोस और सब्यसाची दत्त के समर्थकों में और खींचतान बढ़ने लगी थी.

अंत में यह लड़ाई इतनी बढ़ गयी कि गत लोकसभा चुनाव के बाद से सब्यसाची दत्ता की तृणमूल से दूरियां और भाजपा नेता मुकुल राय से नजदीकियां बढ़ने लगी थीं. इसकी भनक तृणमूल को लगते ही सब्यसाची को मेयर पद से हटाने की तैयारी शुरू होने लगी थी. इसके बाद उन्होंने मेयर पद से इस्तीफा देते हुए गत एक अक्तूबर 2019 को अमित शाह के हाथों भाजपा का झंडा थाम लिया था.

क्या कहते हैं 2019 चुनाव के आंकड़े – गत लोकसभा चुनाव के वोट आंकड़ों पर गौर करें, तो विधाननगर केंद्र से भाजपा ने अच्छा वोट हासिल किया, जो तृणमूल से काफी अधिक था. बारासात लोकसभा सीट से भले ही तृणमूल ने जीत दर्ज की थी, लेकिन विधानसभा सीटों के मुताबिक वोट पर नजर डालने से देखा जाता है कि विधाननगर विधानसभा सीट पर तृणमूल को मात्र 58,956 वोट मिले थे. वहीं, भाजपा को यहां से 77,872 वोट मिले थे.

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Posted By : Avinish kumar mishra

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