GJM नेता बिमल गुरुंग की भाजपा को चेतावनी, कूचबिहार गोलीकांड का अंजाम भुगतना होगा
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के एक धड़े के प्रमुख बिमल गुरुंग ने कहा है कि कूचबिहार में सीआइएसएफ की गोलीबारी में चार लोगों की मौत की घटना बंगाल चुनाव में ‘अहम मोड़’ साबित होगी. उन्होंने दावा किया कि राज्य के उत्तरी हिस्से में शेष चार चरणों के चुनाव में भाजपा को लोगों के गुस्से का सामना करना होगा.
दार्जीलिंग : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के एक धड़े के प्रमुख बिमल गुरुंग ने कहा है कि कूचबिहार में सीआइएसएफ की गोलीबारी में चार लोगों की मौत की घटना बंगाल चुनाव में ‘अहम मोड़’ साबित होगी. उन्होंने दावा किया कि राज्य के उत्तरी हिस्से में शेष चार चरणों के चुनाव में भाजपा को लोगों के गुस्से का सामना करना होगा.
श्री गुरुंग ने दोहराया कि पूर्ण राज्य की मांग पहाड़ों पर रहने वाले हर गोरखा का सपना है. तृणमूल कांग्रेस का स्थायी राजनीतिक समाधान के लिए पैरवी करना तथा दार्जीलिंग और आसपास के इलाके का समग्र विकास करने की बात कहना ‘बहुत उत्साहजनक’ है.
फर्जी वादों से 12 साल तक गोरखा जाति को धोखा देने का भाजपा पर आरोप लगाते हुए बिमल गुरुंग ने कहा कि वह ममता बनर्जी के साथ मिलकर भगवा खेमे को ऐसा सबक सिखायेंगे, जो वह जिंदगी भर याद रखेगा. श्री गुरुंग पिछले साल अक्तूबर में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ टीएमसी के साथ आ गये थे.
उन्होंने कहा, ‘बेगुनाह लोगों को चाहे पुलिस मारे या केंद्रीय बल, यह स्वीकार्य नहीं है. कूचबिहार में मतदान के दिन जो हुआ है, वह नरसंहार से कम नहीं है. भाजपा उत्तर बंगाल में इसकी तपिश महसूस करेगी.’
तृणमूल कांग्रेस को 2019 में लगा था झटका
बिमल गुरुंग ने कहा, ‘वर्ष 2017 के गोरखालैंड आंदोलन के दौरान कई लोगों की हत्या की गयी थी. बाद में 2019 के आम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को इसकी तपिश का सामना करना पड़ा था, जब वह उत्तर बंगाल की सभी आठ लोकसभा सीटें हार गयी थी. इस बार, भाजपा के साथ भी यही होगा.’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा उत्तर बंगाल में इसलिए अच्छा प्रदर्शन कर पायी थी, क्योंकि हमने 2019 में पार्टी का साथ दिया था. उसने दार्जीलिंग सीट 2009 से तीन बार जीती है. इन वर्षों में, गोरखा को एहसास हो गया है कि भगवा खेमा उन्हें फर्जी वादों से सिर्फ ठग रहा है. इस चुनाव में उसे जबर्दस्त सबक मिलेगा.’
अहम साबित होंगी उत्तर बंगाल की 54 सीटें
उत्तर बंगाल के 7 जिलों की 54 सीटें इन विधानसभा चुनावों में अहम साबित हो सकती हैं. भाजपा क्षेत्र का अपना किला बचाने की कोशिश कर रही है, तो तृणमूल अपनी खोयी जमीन फिर से पाना चाह रही है. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने उत्तर बंगाल में 25 सीटें जीती थीं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सारे समीकरण बदल गये थे और भाजपा ने क्षेत्र की आठ में से सात लोकसभा सीटें जीत ली थीं और कम से कम 35 विधानसभा क्षेत्रों में आगे थी.
उन्होंने कहा कि गोरखालैंड की मांग हमेशा उनके संगठन के लिए ‘सबसे प्रासंगिक’ मुद्दा होगी. श्री गुरुंग ने कहा कि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का समग्र विकास फिलहाल उनकी सूची में सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा, ‘पहाड़ी लोगों का मुख्य आधार, चाय, लकड़ी और पर्यटन है. ये तीनों उद्योग कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. लोग अब नौकरी, विकास और बेहतर जीवन स्तर चाहते हैं.’
Posted By : Mithilesh Jha