नवीन कुमार राय: बंगाल चुनाव से पहले लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस बिहार की तर्ज पर महागठबंधन बनाने की कोशिश में है. इस महागठबंधन में वाममोर्चा, कांंग्रेस और इंडियन सेकुलर फ्रंट जैसे दल शामिल हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि वाममोर्चा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट को अपने कोटे से अधिकतम 25 सीटें देने पर सहमति व्यक्त की है. अब कांग्रेस की बारी है कि वह अपने खाते से कितनी सीट दे रही है. मिली जानकारी के अनुसार अधीर रंजन चौधरी आखिरकार आठ से दस सीटें देने के लिए तैयार हैं. गुरुवार की देर हुई बैठक में कांग्रेस द्वारा अब्बास की पार्टी को सीट देने का संकेत दिया है.
अगर ऐसी स्थिति बनती है तो अब्बास के खाते में आईएसएफ को 35-36 सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ेगा.हालांकि वह पहले 44 सीटों की मांग किये थे जो बाद में बढ़कर 75 से 80 सीट हो गयी थी. इस बाबत आज आईएसएफ को महागठबंधन की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है. बीती रात आईएसएफ के अध्यक्ष नौशाद सिद्दीकी वामपंथी और कांग्रेस नेताओं के साथ त्रिपक्षीय बैठक में मौजूद थे. हालाँकि उन्होंने बैठक में 70-72 सीटों के बारे में खुलकर बात की, लेकिन बाद में वे शुरुआत में इतनी सीटें माँगने से पीछे हट गए.
नौशाद ने एक बार फिर वाम-कांग्रेस से कहा कि वह विधानसभा चुनाव में भाजपा और तृणमूल के खिलाफ तीसरे विकल्प के रूप में महागठबंधन का ही हिस्सा बनाना चाहते हैं. नौशाद ने राज्य में कांग्रेस कोटे से 18 सीटों की मांग की है. हालांकि, मुर्शिदाबाद और पूरे उत्तर बंगाल में, कांग्रेस ने व्यावहारिक रूप से अपने कोटे से सीटें देने की संभावना से इनकार कर दिया. हालाँकि, वामपंथी अब्बास की एक या दो सीटों की माँग का समर्थन बैठक में करते रहे.
अब्दुल मन्नान और प्रदीप भट्टाचार्य दक्षिण बंगाल के जिलों में आठ से दस सीटों की सूची पेश किया. कांग्रेस नेतृत्व के प्रस्थान के बावजूद, नौशाद ने देर रात तक माकपा के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत जारी रखे रहा. वाममोर्चा के अध्यक्ष विमान बोस ने इस बात की पुष्टि की है कि वह लोग अपने कोटे से सम्मानजनक सीट दे रहे हैं.वाममोर्चा के इस कदम से कांग्रेस शिविर कुछ दबाव में आया है. क्योंकि वामपंथियों ने ही आईएसएफ के साथ समझौता करने का मार्ग प्रशस्त किया. अधीर-मन्नान ने भी आलाकमान के साथ दिन भर अलग-अलग बातचीत किया. विमान बोस ने अधीर से अनुरोध किया कि वह एक या दो दिन के भीतर अब्बास के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे को हल करे. विमान बोस ने अधीर को समझाया कि वह अगले हफ्ते की शुरुआत में एक महागठबंधन के गठन की औपचारिक घोषणा करके सभी अटकलों को समाप्त करना चाहते है.
Posted By : Avinish kumar mishra