WB Chunav 2021 : बंगाल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ने के बाद ही सट्टा बाजार में हलचल बढ़ गयी है. बगैर किसी औपचारिक आधारभूत ढांचे के यह बाजार फलता-फूलता रहा है. अनौपचारिक तरीके से इसमें करोड़ों रुपये तक लगाये जाते हैं. केवल जुबान पर करोड़ों रुपये के भाव यहां लिए जाते हैं. चाहें क्रिकेट हो या फिर चुनाव, सटोरियों को बाजार की नब्ज सटीक तरीके से पहचानने वाला बताया जाता है. पश्चिम बंगाल में चुनावी तपिश के चढ़ने के साथ ही सट्टा बाजार में भी सरगर्मी तेज हो गयी है.
जानकारी के मुताबिक बड़े सट्टा व्यापारियों को अभी भी पहले चरण के मतदान यानी 27 मार्च का इंतजार है. उसके बाद यानी 28 मार्च को ही उनका भाव खुलेगा. सटोरियों की नजर में फिलहाल स्थिति (जीत की स्तिथि) भाजपा (BJP) के पक्ष में नहीं है. वहीं सट्टा बाजार में बीजेपी का भाव सबसे अधिक है. वर्तमान में बीजेपी के लिए सट्टा का भाव 149-151 है. यानी भाजपा के पक्ष में पैसे लगाने पर, भाजपा को 151 या उससे अधिक सीटें मिलती हैं तो दुगने पैसे वापस मिलेंगे. यानी अगर कोई एक रुपया लगाता है तो उसे अपना एक रुपया और अतिरिक्त एक रुपया मिलेगा. लेकिन भाजपा अगर 151 सीटों से कम पाती है तो वह अपना एक रुपया हार जायेगा.
इधर, सटेरियों की नजर में टीएमसी की स्थिति (जीत की स्थिति) बीजेपी से बेहतर है. तृणमूल कांग्रेस (tmc) पर नजर डालें तो सट्टा बाजर में उसे 149 सीट से अधिक मिलती हुई दिखाई दे रही है. यानी तृणमूल पर पैसे लगाने पर दुगने पैसे तभी मिलेंगे जब वह 149 सीटों से कम पाती है. लेकिन सट्टा बाजार दोनों के बीच कांटे की टक्कर भी बता रहा है. दो महीने पहले की स्थिति पर नजर डालें तो भाव 164-166 भाजपा के पक्ष में था. यानी भाजपा को 166 या उससे अधिक सीटें मिलने और तृणमूल को 164 से कम सीटें मिलने की संभावना जतायी जा रही थी. इसका मतलब हुआ कि इन दो महीनों में भाजपा की स्थिति में गिरावट हुई है. बावजूद इसके भाजपा अभी भी फेवरेट है.
उल्लेखनीय है कि सट्टा लगाना या खेलना भारत में अपराध है. प्रभात खबर ऐसे किसी भी जुए का समर्थन नहीं करता. सट्टा एक लत के समान होता है जो आखिर में आर्थिक और मानसिक नुकसान ही पहुंचाता है. यह भी कहा जाता है कि सट्टे में जीत केवल सटोरिये की होती है. हारने वाले केवल पैसे लगाने वाले ही होते हैं. हालांकि सट्टे की दुनिया में चल रही गतिविधियों के संबंध में आपको वाकिफ कराने के लिए ही यह तथ्य आपके सामने लाये गये हैं.
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Posted By : Avinish kumar mishra