विभिन्न परियोजनाओं के नामों को लेकर केंद्र व राज्य सरकार (state government) के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है. ऐसे में मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने राज्य सरकार पर बार-बार केंद्र की परियोजनाओं का नाम बदलने का आरोप लगाया है. लेकिन इस बार राशन दुकानों में स्लिप पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लोगो इस्तेमाल किया जायेगा या राज्य सरकार के विश्व बांग्ला का लोगो, इसे लेकर राज्य व केंद्र के बीच खींचतान शुरू हो गयी है. केंद्र चाहता है कि राशन स्लिप पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का नाम लिखा जाये, जबकि राज्य सरकार विश्व बांग्ला लोगो का इस्तेमाल करना चाहती है.
इस संबंध में राज्य के खाद्य मंत्री रथिन घोष ने कहा कि केंद्र सरकार केवल चावल और गेहूं उपलब्ध कराती है. लेकिन इसका वितरण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है. नतीजतन, केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार की भी यहां समान भूमिका है, इसलिए स्लिप पर विश्व बांग्ला लोगो का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
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हालांकि, डीलर किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते. उनके मुताबिक राज्य सरकार जो फैसला लेगी, वे उसे स्वीकार करेंगे. राशन डीलरों के मुताबिक, वे राज्य सरकार के लाइसेंस धारक हैं. केंद्र ने उन्हें लाइसेंस नहीं दिया है. परिणामस्वरूप, वे राज्य सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करेंगे.
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वहीं, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल किया जाये. दरअसल, तृणमूल नेता और मंत्री असुरक्षा से पीड़ित हैं, इसलिए वे विभिन्न तरीकों से केंद्र को बदनाम करना चाहते हैं. लेकिन आम लोग जानते हैं कि सच कौन बोल रहा है? किसने कितना काम किया? लोगों को उनकी बातों की कोई स्वीकार्यता नहीं है.
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