New Year 2023: धनबाद जिले के बाघमारा के वनरोपन क्षेत्र में जमुनिया नदी के किनारे प्राकृतिक सुंदरता को अपने आगोश में समेटे महादेवगढ़ा की खूबसूरती हर किसी को मोहित करती है. केवल पर्यटकों को ही नहीं, बल्कि लोक गीतों का एलबम बनाने वाले कलाकारों को भी ये स्थल खूब भाता है. यहां का शिव मंदिर काफी पुराना है. चारों ओर हरियाली ही हरियाली है. नदी की कलकल धारा काफी आकर्षक लगती है. नये साल पर लोग यहां शिव की आराधना करते हैं और पिकनिक मनाते हैं.
अच्छा पिकनिक स्पॉट है
शिव मंदिर के अलावा अन्य कई मंदिर भी हैं. यह क्षेत्र धार्मिक आस्था से जुड़े होने के साथ-साथ पिकनिक मनाने का सबसे अच्छा स्पॉट है. यहां महादेव मंदिर और जमुनिया नदी की खूबसूरती मन मोह लेती है. पौष मास में यहां लोगों की भीड़ उमड़ती है. आये दिन यहां हिंदी, नागपुरी, भोजपुरी, खोरठा व बंगला गीतों के एलबम की शूटिंग होती रहती है. कई खोरठा फिल्म में यहां का दृश्य फिल्माया गया है.
भगवान महादेव की पूजा करते हैं श्रद्धालु
मकर संक्रांति पर यहां मेला लगता है. नदी का दृश्य मनोहारी है. यहां का जल एकदम स्वच्छ है. नदी की कलकल धारा में लोग स्नान करते हैं. नदी में अधिकतर पत्थर शिवलिंग की आकृति में दिखाई देते हैं. स्नान के बाद लोग भगवान महादेव एवं अन्य देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां पूजा-पाठ से श्रद्धालुओं की मन की मुराद पूरी होती है. मां काली मंदिर में पाठा बलि दी जाती है.
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कैसे पहुंचें महादेवगढ़ा
धनबाद जिला मुख्यालय से लगभग 48 किमी दूर है महादेवगढ़ा, जो बोकारो- धनबाद जिले के सीमा क्षेत्र को जोड़ता है. बाघमारा से गोमो जाने वाले मार्ग पर खरियो रेलवे फाटक से दाहिनी की ओर जाने वाली सड़क से तिलैया बस्ती होते हुए महादेवगढ़ा आसानी से पहुंच सकते हैं या दुगधा तेलो होते हुए पहुंचा जा सकता है. अधिकतर लोग अपने निजी वाहन से ही आते हैं. महादेवगढ़ा में फल के अलावा पूजन सामग्री मिलती है. चाय, कॉफी, ड्राई फ्रूट एवं पिकनिक के लिए खाद्य सामग्री की दुकानें भी लगी रहती हैं.
रिपोर्ट: शंकर प्रसाद साव, बाघमारा, धनबाद