Bestseller Review: सिर्फ नाम भर ही रह गयी है ये वेब सीरीज ‘बेस्टसेलर’
Bestseller Review: अंग्रेज़ी के चर्चित उपन्यासकार रविंद्र सुब्रमनियम के नॉवेल द बेस्टसेलर सी रोट पर यह वेब सीरीज आधारित है. बेहतरीन उपन्यास पर वेब सीरीज सीरीज है तो वह भी उम्दा होगी यह ज़रूरी नहीं है.
फ़िल्म-बेस्टसेलर
निर्देशक – मुकुल अभ्यंकर, सिद्धार्थ मल्होत्रा
कलाकार – मिथुन चक्रवर्ती,श्रुति हसन, सत्यजीत दुबे,अर्जन बाजवा,गौहर खान और अन्य
प्लेटफार्म -सिनेमाघर
रेटिंग -दो
अंग्रेज़ी के चर्चित उपन्यासकार रविंद्र सुब्रमनियम के नॉवेल द बेस्टसेलर सी रोट पर यह वेब सीरीज आधारित है. बेहतरीन उपन्यास पर वेब सीरीज सीरीज है तो वह भी उम्दा होगी यह ज़रूरी नहीं है.यह वेब सीरीज इसका बेहतरीन उदाहरण है.कमज़ोर स्क्रीनप्ले इस बेस्टसेलर के साथ न्याय नहीं कर पायी है.
सीरीज की कहानी ताहिर वज़ीर ( अर्जन बाजवा ) की है.वो सेलिब्रिटी राइटर है लेकिन उसका पिछला नॉवेल उसने दस साल पहले लिखा था.जो बहुत कामयाब था.अब उसे अपने अगले नॉवेल के लिए आईडिया चाहिए लेकिन उसे कुछ सूझ नहीं रहा है.उसकी मुलाकात मीतू (श्रुति हसन) से होती है.मीतू छोटे शहर से मुम्बई आयी है.उसका सपना भी ताहिर वज़ीर की तरह लेखक बनने का है .वह ताहिर को अपनी लिखी एक कहानी सुनाती है लेकिन ताहिर को उसकी निजी जिंदगी ज़्यादा आकर्षित करती है ताहिर को लगता है कि उसमें सुपरहिट नॉवेल का ज़्यादा मसाला है . मीतू के साथ मुलाकातें बढ़ने के साथ ताहिर की ज़िंदगी में अजोबोग़रीब घटनाएं भी बढ़ती जाती हैं.ताहिर वज़ीर के साथ ये घटनाएं क्यों हो रही हैं. मीतू माथुर का उसका मिलना संयोग है या कोई साजिश.क्या उनका अतीत में कोई जुड़ाव रहा है. आठ एपिसोड वाली यह सीरीज इसी कहानी को कहता है.
इस आठ एपिसोड की सीरीज की सबसे बड़ी खामी इसका लेखन है. यह थ्रिलर जॉनर का प्रतिनिधित्व करती है और चौथे एपिसोड में ही रहस्य से पर्दा उठा दिया है.अपराधी कौन है .उसका मकसद.उसके बारे में सबकुछ पता चल जाता है . आगे नैतिकता का ज्ञान देने के करीब यह सीरीज ज़्यादा लगती है.
सीरीज की शुरुआत बहुत धीमी भी है.सेकेंड हाफ से कहानी में थोड़ी गति पकड़ती है खासकर फ्लैशबैक से थोड़ी रुचि जगती है लेकिन तब तक बहुत देर हो जाती है.सीरीज के सब प्लॉट्स में रिश्तों में बेवफाई,हैकिंग, विज्ञापन फिल्मों की दुनिया को भी जोड़ा गया है लेकिन वे भी स्क्रीनप्ले को दिलचस्प नहीं बना पाए हैं.
अभिनय की बात करें तो श्रुति हसन ने परदे पर अपने चरित्र के दोहरे रंग को जीने की अच्छी कोशिश की है लेकिन अपने एक्सेंट की वजह से वह पहले हाफ में छोटे शहर की लड़की की भूमिका के साथ न्याय नहीं कर पायी हैं. गौहर खान और सत्यजीत दुबे ने अपने किरदार को परफेक्शन के साथ निभाया है.मिथुन इस वेब सीरीज से ओटीटी डेब्यू कर रहे हैं.सीरीज में उनकी एंट्री देर से होती है लेकिन वे याद रह जाते हैं. अपने चुटीले अंदाज़ में वह ना सिर्फ सीरीज के मूड को हल्का करते हैं बल्कि दर्शकों के चेहरे पर मुस्कुराहट ले आते हैं. अर्जन बाजवा औसत रहे हैं.
सोनाली कुलकर्णी के लिए सीरीज में करने को ज़्यादा कुछ नहीं था. आखिर में यह बेस्टसेलर सिर्फ नाम भर की ही बेस्टसेलर रह गयी है.