13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इस कंपनी ने कर दिया कमाल, अब 50 साल तक चलेगी फोन की बैटरी, जानें क्या कहती है रिपोर्ट

बैटरी में उपयोग की जाने वाली तकनीक डिकेइंग आइसोटोप (क्षयकारी आइसोटोप) से ऊर्जा प्राप्त करती है, जिसे पहली बार 20 वीं शताब्दी में खोजा गया था. फिर यह इस ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करता है. चीन 2021-2025 तक अपनी 14वीं पंचवर्षीय योजना के तहत परमाणु बैटरियों को छोटा बनाने की दिशा में काम कर रहा है.

Coin Sized Atomic Battery: अगर मैं आपको बताऊं की अब आपके फोन की बैटरी बिना चार्ज किए 50 साल तक चलेगी, तो आप दंग रह जाएंगे. लेकिन, लेकिन यह सच है. हाल ही में द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग स्थित बीटावोल्ट द्वारा विकसित एक परमाणु बैटरी की खोज की गई है. यह कंपनी दावा कर रही है कि यह बिना चार्ज किए 50 वर्षों तक बिजली पैदा कर सकती है. “परमाणु” शब्द पढ़कर आपको लग रहा होगा की इस बैटरी की साइज काफी बड़ी होगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि इस बैटरी की साइज एक सिक्के से भी छोटा है. कंपनी ने कहा कि यह एटोमिक एनर्जी के लघुकरण को साकार करने वाली दुनिया की पहली बैटरी है. हालांकि अभी इस पर और भी रिसर्च होने बाकी हैं. कंपनी ने यह भही कहा कि फोन और ड्रोन जैसे डिवाइसेस के लिए इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा.

लंबे समय तक चलने वाली बिजली आपूर्ति की जरूरतों को करेगी पूरा

कंपनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा, “बीटावोल्ट परमाणु ऊर्जा बैटरियां एयरोस्पेस, एआई डिवाइसेस, माइक्रोप्रोसेसर, माइक्रो सेंसर, छोटे ड्रोन और माइक्रो-रोबोट जैसे जिवाइसेस में लंबे समय तक चलने वाली बिजली आपूर्ति की जरूरतों को पूरा कर सकती हैं” इसमें आगे कहा गया, “यह न्यू एनर्जी इनोवेसन चीन को एआई तकनीकी क्रांति के नए दौर में अग्रणी बढ़त हासिल करने में मदद करेगा.”

Also Read: राम मंदिर से आये प्रसाद की यह वेबसाइट करेगी फ्री डिलीवरी, जानिए आप तक कैसे पहुंचेगा
बैटरी कैसे काम करती है?

  • बैटरी में उपयोग की जाने वाली तकनीक डिकेइंग आइसोटोप (क्षयकारी आइसोटोप) से ऊर्जा प्राप्त करती है, जिसे पहली बार 20 वीं शताब्दी में खोजा गया था. फिर यह इस ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करता है.

  • चीन 2021-2025 तक अपनी 14वीं पंचवर्षीय योजना के तहत परमाणु बैटरियों को छोटा बनाने की दिशा में काम कर रहा है.

  • बैटरी में एक स्तरित डिजाइन है, जो इसे अचानक बल आग लगने या विस्फोट होने से रोकेगा.

  • बीटावोल्ट ने यह भी दावा किया कि बैटरी -60 डिग्री सेल्सियस से लेकर 120 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम करने में सक्षम है.

  • परमाणु ऊर्जा बैटरियां पर्यावरण के अनुकूल हैं.

  • कंपनी द्वारा परीक्षण पूरा करने और सभी आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद बैटरी का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है.

बैटरी का डायमेंशन

  • इसका माप 15 x 15 x 5 मिलीमीटर है और यह फ्यूचरिज्म के अनुसार, परमाणु आइसोटोप और हीरे के पतली परतों से बना है.

  • परमाणु बैटरी वर्तमान में 3 वोल्ट पर 100 माइक्रोवाट बिजली उत्पन्न करती है. हालांकि, लक्ष्य 2025 तक 1-वाट बिजली उत्पादन तक पहुंचने का है.

बीटावोल्ट ने कहा है कि विकिरण से मानव शरीर को कोई खतरा नहीं है, जिससे यह चिकित्सा उपकरणों में प्रयोग करने योग्य है.

Also Read: Galaxy AI: मोबाइल की दुनिया में नई क्रांति, अब कॉलिंग के दौरान भाषा नहीं बनेगी बाधा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें