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Betla National Park Latest News : कर्नाटक से झारखंड के बेतला नेशनल पार्क में लाए गए हाथी काल भैरव को जंगली हाथियों ने मार डाला, पढ़िए ये रिपोर्ट

Betla National Park Latest News, Jharkhand News, बेतला न्यूज ( संतोष कुमार) : पलामू टाइगर रिजर्व अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क में सैलानियों को घुमाने के लिए रखे गये काल भैरव नामक नर हाथी को पलामू किला के पास जंगली हाथियों ने घेर कर मार डाला. हमलावर हाथियों की संख्या दो थी. दोनों ही नर थे. घटना सोमवार की रात 9:30 बजे की है. मंगलवार को घटना की जानकारी मिलने पर डीएफओ डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष, रेंजर प्रेम प्रसाद सहित अन्य घटनास्थल पर पहुंचे. डॉक्टर चन्दन देव के द्वारा शव को पोस्टमार्टम करके दफना दिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2021 4:44 PM

Betla National Park Latest News, Jharkhand News, बेतला न्यूज ( संतोष कुमार) : पलामू टाइगर रिजर्व अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क में सैलानियों को घुमाने के लिए रखे गये काल भैरव नामक नर हाथी को पलामू किला के पास जंगली हाथियों ने घेर कर मार डाला. हमलावर हाथियों की संख्या दो थी. दोनों ही नर थे. घटना सोमवार की रात 9:30 बजे की है. मंगलवार को घटना की जानकारी मिलने पर डीएफओ डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष, रेंजर प्रेम प्रसाद सहित अन्य घटनास्थल पर पहुंचे. डॉक्टर चन्दन देव के द्वारा शव को पोस्टमार्टम करके दफना दिया गया.

अस्वस्थ था काल भैरव 

बताया जा रहा है कि काल भैरव को अस्वस्थ होने के कारण हाथियों के रखे जाने वाले शेड से बाहर ही खुले मैदान में सीकड़ में बांधकर रखा गया था. रात में उस इलाके में दांत वाले नर हाथी पहुंच गये और खुले मैदान में शांत बैठे काल भैरव पर हमला कर दिया. बंधे होने के कारण काल भैरव पर दोनों जंगली हाथी भारी पड़ गये. हालांकि बाद में सीकड़ तोड़कर काल भैरव ने भी जवाबी हमला किया और वहां से भागने का प्रयास किया. बांधे गये स्थल से करीब 500 फीट की दूरी तक काल भैरव व जंगली हाथियों के बीच करीब एक घंटे तक हमला जारी रहा. इस कारण जगह- जगह पर पेड़ उखड़ गये. कई पौधों को रौंद दिया गया. झारखंड के बेतला नेशनल पार्क में हाथी काल भैरव को मरने से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

पालतू व जंगली हाथियों के बीच भिड़ंत

पालतू व जंगली हाथियों के बीच भिड़ंत इतना जबरदस्त था कि वहां मौजूद महावत व अन्य वन कर्मी उनके समीप आने का साहस नहीं कर सके. शोरगुल व पटाखों की आवाज, मशाल हाथी जलाकर जंगली हाथियों को वहां से भगाने का प्रयास किया गया, लेकिन हमलावर हाथी इतने आक्रामक थे कि देखते ही देखते काल भैरव को अपने दांतों से उसके पेट को फाड़ डाला. सूढ़ से उसके पैरों को तोड़ दिया. जिससे काल भैरव के आंत सहित शरीर के अन्य भाग बाहर निकल गये. इससे तड़प-तड़प कर काल भैरव ने अपनी जान दे दी. वे दोनों हमलावर हाथी तब तक जमे रहे जब तक कि काल भैरव की मौत नहीं हो गई. काल भैरव के मर जाने के बाद वहां से पुराने किले की तरफ की सड़क से दोनों हमलावर हाथी निकल गये. काल भैरव एक विशालकाय हाथी था. उसकी विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके दोनों दांतों का वजन करीब एक क्विंटल था.

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कर्नाटक से लाया गया था काल भैरव

सैलानियों को बेतला नेशनल पार्क व पलामू किला के भ्रमण कराने हेतु कर्नाटक के मैसूर से काल भैरव को 2018 में लाया गया था. इसके साथ ही सीता व मुर्गेश को भी लाया गया है. काल भैरव को पलामू किला के नये किले के पास रखा गया था.

पीटीआर के इतिहास में पहली घटना

पलामू टाइगर रिजर्व के इतिहास में संभवत: यह पहली घटना है जब हाथियों के हमले में किसी हाथी की मौत हुई है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब तक किसी पलामू टाइगर रिजर्व के किसी भी इलाके में जंगली हाथियों के हमले में किसी जंगली हाथी को मारे जाने की पुष्टि नहीं हुई है. वैसे अक्सर हाथियों में भिड़ंत होने की सूचना मिलती रही है.

11 महीने पहले हुई थी बाघिन की मौत

2020 में 15 फरवरी को बेतला नेशनल पार्क में बाघिन की मौत हमले में हुई थी. वहीं 29 अप्रैल, चार जून व 17 जून को संक्रमण के कारण क्रमशः एक-एक बाइसन की मौत हुई थी. 13 जुलाई को बेतला गारू मार्ग पर चेक पोस्ट के थोड़ी ही दूरी पर बैगा पानी में एक हथिनी की रहस्यमय तरीके से मौत हो गयी थी. तीन सितंबर को गढ़वा रोड -बड़का खाना रेलखंड पर केचकी स्टेशन के समीप एक नवजात सहित छह हिरणों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गयी थी.

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घटना की पुनरावृति नहीं होने का करेंगे प्रयास : डिप्टी डायरेक्टर

पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष ने बताया कि यह घटना काफी दर्दनाक है. इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो, इसका प्रयास किया जाएगा. हमलावर हाथियों की पहचान की जा रही है. पूरे इलाके में विशेष छापामारी अभियान चलाकर यह पता लगाया जा रहा है कि हमलावर हाथी बाहर से तो नहीं आये हैं क्योंकि पलामू टाइगर रिजर्व में इस तरह के हाथियों के होने की सूचना अभी तक नहीं मिल सकी थी. अभी पूरे सप्ताह सुरक्षा का व्यापक इंतजाम किया जाएगा, ताकि वे आक्रामक हाथी पुनः किसी व्यक्ति व अन्य जंगली जानवरों पर हमला न कर सके. नेशनल पार्क के आसपास के गांव के लोगों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है.

पालतू हाथियों को सुरक्षा का इंतजाम : वन्य प्राणी विशेषज्ञ

वन्य प्राणी विशेषज्ञ डीएस श्रीवास्तव ने बताया कि जंगली हाथियों के हमले में किसी पालतू हाथी को मारा जाना काफी दर्दनाक है. जिस जगह पर हाथी को रखा गया था, वहां पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किया जाना चाहिए था. जंगली इलाके में पालतू हाथियों को रखे जाने से पहले कई पहलुओं पर काम किया जाना चाहिए था.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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