IPL मैच में सट्टेबाजी के चक्कर में बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी, गिरोह का हर दिन बढ़ता जा रहा है दायरा
आईपीएल मैच शुरू होते ही सट्टेबाजी का गिरोह भी बढ़ने लगा है. सट्टेबाजी के कारण युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है. एक दिन में करीब एक से डेढ़ करोड़ का सट्टा गिरिडीह जिले में लग रहा है. इस सिंडिकेट के सदस्य में हर दिन लाखों रुपये कमा रहा हैं.
गिरिडीह, मृणाल कुमार : आईपीएल का 16वां सीजन शुरू हो गया है. मैच के शुरू होते ही शहरी क्षेत्र में सट्टेबाजों का गिरोह सक्रिय हो जाता है. सट्टेबाजों के चक्कर में युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा बर्बाद हो रही है. कई युवा सट्टा हारने के बाद फिर से उसकी रिकवरी करने के लिए कर्ज लेकर सट्टा लगा रहे हैं. एक तरफ जहां सट्टेबाजों के चक्कर में पड़कर युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इस सिंडिकेट के सदस्य में हर दिन लाखों रुपये कमा रहा हैं. सट्टे के इस खेल में कोई एक झटके में कंगाल हो रहा है तो कोई मालामाल हो रहा है.
बड़ा सिंडिकेट जिले में करवा रहा है पूरा खेल
सट्टेबाजी के इस गिरोह में एक बड़ा सिंडिकेट शामिल है, जो इस पूरे खेल की मॉनिटरिंग करता है और सट्टेबाजी का पैसा वसूलता है. आइपीएल मैच के दौरान ऑनलाइन एप के जरिये सट्टा लगाने वाले गिरोह में शामिल एक सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल सट्टा काफी अधिक लग रहा है. एक दिन में करीब एक करोड़ से डेढ़ करोड़ का सट्टा गिरिडीह जिले में लग रहा है. जिसमें गिरोह के सदस्यों को 20 प्रतिशत तक मुनाफा हर दिन हो रहा है. सट्टा लगाने वाले शख्स को लाइन कहा जाता है, जो एजेंट यानी पंटर के जरिये बुकी (डिब्बे) तक बात करता है. एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है. बताया कि यह अकाउंट 1000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का खुल रहा है. जैसे ही कोई नया आदमी अपना आइडी बनवाता है, तो जितने रुपये की आइडी बनायी जाती है उसका 20 प्रतिशत तुरंत एजेंट को मिल जाता है. गिरिडीह के जमुआ का रहने वाला विकास, गिरिडीह शहर के पचंबा का मुन्ना, मकतपुर का अशोक समेत दर्जनभर से अधिक सदस्य शामिल है, जो हर दिन लाखों का कारोबार कर रहा है. बताया कि इनके कई सदस्य भी बाजार में काम करते है, जो नया आइडी बनवाने और फिर सट्टा जीतने और हारने वाले सदस्यों से रुपये वसूली का काम करते हैं. कम राशि सीधे ऑनलाइन एप्प के जरिये पेमेंट कर दी जाती है, लेकिन बड़ी रकम को एजेंट के जरिये भेजवाया जाता है.
अर्थ जब अनर्थ कर दे तो जीवन व्यर्थ हो जाता है : प्रो बालेंदु
प्रो बालेंदु शेखर त्रिपाठी का कहना है कि इस देश में प्रतिस्पर्धा और प्रतियोगिता यह होनी चाहिए कि कौन बनेगा भगत सिंह, कौन बनेगा गांधी जी, न की कौन बनेगा करोड़पति. हाल के दिनों में युवा पीढ़ी कम समय में अधिक रुपये कमाने के चक्कर में अपनी जमा पूंजी गवां रहें हैं और फिर अपनी जिंदगी को बर्बाद कर रहे हैं. इसकी रोकथाम के लिए हम सबों को यह फर्ज बनता है कि युवा पीढ़ी को इस दिशा में जाने से रोके. पूरे देश में यह ट्रेंड विकसित हो गया है. हमारे जो मूल्य निष्ट जीवन है उसके प्रति आगाह करने की जरूरत है. युवा पीढ़ी यह नहीं समझ रहे हैं कि अर्थ जब अनर्थ कर दे तो उनका जीवन व्यर्थ हो जाता है.
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सट्टेबाजों के खिलाफ साक्ष्य इकट्ठा कर की जायेगी कार्रवाई : एसडीपीओ
एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह ने कहा निश्चित तौर पर ऐसे सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. सबसे पहले सट्टेबाज गिरोह में शामिल सदस्यों के खिलाफ साक्ष्य इक्ट्ठा किया जायेगा और फिर ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. पुलिस-प्रशासन युवा पीढ़ी से अपील करती है कि वे इन सब चीजों के चक्कर में नहीं पड़े. अपने बेहतर भविष्य के लिए बेहतर ढंग से पढ़ाई और रोजगार की दिशा में ध्यान दें.
युवाओं को रोजगार की दिशा में ध्यान देने की जरूरत : डॉ शालिनी
स्कॉलर बीएड कॉलेज की प्राचार्या डॉ शालिनी खोवाला का कहना है कि निश्चित तौर पर यह आने वाले समय के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. अगर समय रहते इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी तो निश्चित ही हमारी युवा पीढ़ी कम समय में अधिक रुपये कमाने के चक्कर में बर्बाद होते जायेगी. इसकी रोकथाम के लिए सबसे पहले अभिभावकों को अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और रोजगार की दिशा में ध्यान देने के लिए प्रेरित करना चाहिए. क्योंकि अगर अभिभावक अपने बच्चों को इन सब खेल में ध्यान नहीं देने की बात कहे तो कहीं न कहीं हम इन सब चीजों को बढ़ाने से रोक सकते हैं. हमारी युवा पीढ़ी से अपील है कि वे खेल को सिर्फ खेल के नजरिये से देखे और कुछ सीखें.