महिला चेन स्नेचर गिरोह से सावधान! दुर्गा पूजा आते ही गिरिडीह में बढ़ जाती हैं स्नेचिंग की घटनाएं

पिछले कुछ वर्षों से गिरिडीह जिले में इस गिरोह ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है. पुलिस इस चोर गिरोह पर नजर रखती है. इस वर्ष भी गिरिडीह पुलिस अभी से नजर बनाये हुए है. एसपी दीपक कुमार शर्मा ने गिरोह के सदस्यों को पकड़ने का निर्देश दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 13, 2023 10:53 AM

गिरिडीह, मृणाल कुमार : दुर्गा पूजा नजदीक आते ही गिरिडीह शहरी क्षेत्र के अलावा जिले भर में महिला चेन स्नेचर गिरोह की सदस्य सक्रिय हो जाती हैं. इसलिए पूजा के दौरान भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में महिलाओं को पूरी सावधानी बरतनी चाहिए. क्योंकि आपके गहनों पर महिला चेन स्नेचर की नजर है. ये स्नेचर एक-दो नहीं बल्कि कई हो सकती हैं. गिरिडीह में पिछले चार-पांच वर्षों से महिला चेन गिरोह की सदस्य काफी सक्रिय हो जाती हैं. दुर्गा पूजा के दौरान बिहार, बंगाल और यूपी से महिलाएं गिरिडीह आती हैं और घटना को अंजाम देकर भाग जाती है. दो दर्जन से अधिक संख्या में पहुंचने वाले ये सभी महिलाएं जिले के वैसे पंडालों को निशाना बनाती हैं, जहां श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक रहती है. उनके साथ कुछ पुरुष भी रहते हैं जो उनको निर्देश देते रहते हैं. यहि आप इस गिरोह के सदस्य को पकड़ने की कोशिश करतें है तो ये आपके ऊपर हमला भी कर सकती हैं. क्योंकि, इनके पास कुछ हथियार भी रहता है.

कई सालों से यह गिरोह दे रहे अंजाम

पिछले कुछ वर्षों से गिरिडीह जिले में इस गिरोह ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है. पुलिस इस चोर गिरोह पर नजर रखती है. इस वर्ष भी गिरिडीह पुलिस अभी से नजर बनाये हुए है. एसपी दीपक कुमार शर्मा ने गिरोह के सदस्यों को पकड़ने का निर्देश दिया है. नवरात्र शुरू होने में दो ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में इस बार इस गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस ने पहले से ही सक्रिय है.

कैसे देती है घटना को अंजाम

महिला चेन गिरोह के सदस्य काफी शातिर होती हैं, ये पहले महिलाओं के पार पहुंचकर पूजा करने के बहाने आती है फिर आपसे नजदीकी बढ़ाती हैं. उनकी नजर कीमती गहनों पर रहती है. खासकर गले की चेन पर. चेन नजर आते ही गिरोह की सदस्य महिलाएं के आसपास भटकते रहती है, और जैसे ही मौका मिलता है ये गले से चेन को टपा कर चल देती हैं.

Also Read: Durga Puja 2023: दुर्गा पूजा को लेकर बदलेगी धनबाद की ट्रैफिक व्यवस्था, रूट चार्ट जारी

महाअष्टमी के दिन सबसे अधिक घटनाएं

पूजा के दौरान ये सभी सबसे ज्यादा भीड़ आइसीआर रोड स्थित श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप, छोटकी कालीमंडा, सुरो सुंदरी इंस्टीट्यूट (अकादमी), बाभनटोली, बरगंडा स्थित विश्वनाथ मंदिर, बोड़ो दुर्गामंडप, पचंबा मंडप में रहती है. इन स्थलों पर महिलाएं ग्रुप बनाकर पहुंचती है और गहनों पर हाथ साफ कर निकल जाती है. गिरोह की सदस्य महाअष्टमी के दिन अधिक घटना को अंजाम देती है. क्योंकि, महाअष्टमी के दिन मंडपों में सबसे अधिक भीड़ रहती है. हालांकि, सप्तमी से लेकर विजयादशमी तक इस गिरोह की सदस्य चारों ओर फैली रहती है और मौका देखते ही महिलाओं की चेन को गायब कर देती है.

हर वर्ष होती हैं घटनाएं

गिरोह की सदस्य हर वर्ष इस तरह की घटना को अंजाम देती हैं. किसी न किसी दुर्गा मंडप से महिलाओं के गले से सोने की चेन छिनतई का मामला सामने आता है. इस मामले में पुलिस ने भी एक दर्जन से अधिक गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इसके बावजूद गिरोह की सदस्य प्रतिवर्ष पूजा में गिरिडीह आती हैं.

सभी थाना प्रभारियों को दिया गया है निर्देश : एसपी

गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि दुर्गा पूजा को लेकर गिरिडीह पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. पूजा के दौरान दुर्गा मंडपों व पंडालों में पर्याप्त संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की जा रही है. इसके अलावा भीड़ वाले इलाके में संबंधित थाना प्रभारियों को विशेष नजर रखने व सभी एसडीपीओ व डीएसपी को भी पूजा के दौरान गश्त लगाने करने का निर्देश दिया गया है. सभी पूजा पंडालों और मंडपों में महिला पुलिस की भी तैनात रहेगी. साथ ही सीसीटीवी कैमरे से भी भीड़ पर नजर रखी जायेगी. सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था रहेगी.

संदिग्ध पर पड़े नजर तो पुलिस को तुरंत करें सूचित : एसडीपीओ

सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडालों व दुर्गा मंडपों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इसलिए सभी पंडालों व मंडपों में पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. महिलाओं से अपील है कि मंडपों में पूजा के दौरान कीमती गहने पहन कर नहीं जायें. यदि जाती भी हैं तो सतर्कता बरतें. मंडपों में किसी संदिग्ध पर नजर पड़ती है तो तुरंत इसकी सूचना मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों, जवानों या फिर पूजा समिति के सदस्यों को दें. पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेगी. पुलिस की नजर असामाजिक तत्वों पर भी रहेगी.

Next Article

Exit mobile version