Bhadrapada Amavasya 2022: आज है भाद्रपद अमावस्या, साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय
भाद्रपद की अमावस्या की तारीख 27 अगस्त अत्यंत विशेष है. इस दिन किए गए दान पुण्य शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैया वालों के लिए बहुत लाभदायक साबित हो सकते हैं. बता दें कि शनि अभी वक्री हैंं और अपनी ही राशि मीन में गोचर कर रहे हैं.
Bhadrapada Amavasya 2022: भाद्रपद की अमावस्या, शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amawashay) आज यानि 27 अगस्त, शनिवार को है. यह बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन किए गए दान पुण्य शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैया वालों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. इस समय शनि वक्री हैंं और अपनी ही राशि मीन में गोचर कर रहे हैं. अक्टूबर में शनि मार्गी हो जाएंगे. ऐसे में शनि की ढैया और साढ़ेसाती के जातक शनिश्चरी अमावस्या पर शनि की नजर से राहत पाने के लिए कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं. बता दें कि इसके बाद शनिश्चरी अमावस्या साल 2025 में होगी.
कुंडली में शनि दोष होने से होती है ये परेशानी
भाद्रपद की अमावस्या, शनिश्चरी अमावस्या पर शनि देव की पूजा अर्चना करने से जातक को इनकी कृपा प्राप्त होती है. यदि कुंडली में शनि दोष है या फिर आपकी कुंडली में पितृ दोष, कालसर्प दोष एवं शनि प्रकोप है तो ऐसे जातकों पर प्रेत बाधा, जादू-टोना, डिस्क-स्लिप, नसों के रोग, बच्चों में सूखा रोग, गृह क्लेश, असाध्य बीमारी, विवाह का न होना, संतान का शराबी बनना एवं कभी-कभी अकाल दुर्घटना का कारण भी बन जाता है.
शनि दोष दूर करने के उपाय जानें (Shani Dosh Upay)
मान्यता है कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें और शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें. इस दिन शनि देव का सरसों के तेल और काले तिल से अभिषेक करें. शनि मंदिर जाएं और उनके दर्शन कर उनकी कृपा प्राप्त करें. इसके बाद शनि दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें.
इस विधि से करें शनि देव की पूजा (Shani Dev Puja Vidhi)
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इस दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें और काले रंग के कपड़े धारण करें.
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इसके बाद भगवान शनि की अराधना करें.
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भगवान शनि के नाम पर सरसों के तेल क दीपक जलाएं और भगवान गणेश के पूजन से पूजा प्रारंभ करें.
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सबसे पहले फूल चढ़ाएं. इसके बाद उन्हें तिलक लगाएं.
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तिलक लगाने के बाद भोग में लड्डू और फल चढ़ाएं.
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इसके बाद जल अर्पित करें.
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इसके बाद शनि चालीसा का पाठ करते हुए आरती करें.
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पूजा के अंत में 21 बार शनिदेव महाराज के मंत्रों का जाप करें और अंत में कपूर से आरती करें.
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पूरे दिन उपवास करें और शाम को पूजा दोहराकर पूजा का समापन करें.
Bhadrapada Amavasya 2022: नहाने के पानी में तिल मिला कर करें स्नान
शनिचरी अमावस्या पर पानी में गंगाजल या किसी पवित्र नदी के जल के साथ तिल मिलाकर नहाना चाहिए. ऐसा करने से कई तरह के दोष दूर होते हैं. शनिचरी अमावस्या पर पानी में काले तिल डालकर नहाने से शनि दोष दूर होता है.
Bhadrapada Amavasya 2022: गरीबों को दान करें
कहते हैं कि गरीबों की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन गरीबों को काला तिल, वस्त्र, उड़द की दाल, जूते-चप्पल, कंबल आदि का भी दान कर सकते हैं.
Bhadrapada Amavasya 2022: छाया दान का है महत्व
शनि अमावस्या के दिन कटोरे में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और उस तेल को कटोरे सहित शनि मंदिर में दान कर दें.