Festival: व्रत-त्योहारों के लिहाज से भाद्रपद मास बेहद खास, यहां देखें लिस्ट और जानें इस माह का महत्व
Festival: व्रत-त्योहारों के लिहाज से भाद्रपद मास बेहद खास है. यह महीना लोगों को व्रत-उपवास, नियम तथा निष्ठा का पालन करवाता है. अपनी गलतियों को याद करके उनका प्रायश्चित करने के लिए यह सर्वोत्तम महीना है.
Festival: भाद्रपद मास शुरू हो चुका है. भाद्रपद मास को भादो भी कहा जाता है. भादो का महीना व्रत-त्योहारों के लिहाज से बेहद खास होता है. भाद्र का अर्थ है – कल्याण देने वाला. भाद्रपद का अर्थ है – भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का महीना. यह महीना लोगों को व्रत-उपवास, नियम तथा निष्ठा का पालन करवाता है. अपनी गलतियों को याद करके उनका प्रायश्चित करने के लिए यह सर्वोत्तम महीना है. यह महीना मन को शुद्ध करने और पवित्र भाव भरने में काफी कारगर माना गया है. इसी महीने में गणेश चतुर्थी, श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी आती है. इस बार भाद्रपद का महीना 01 सितंबर से 29 सितम्बर तक रहेगा.
भाद्रपाद मास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं
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– इस महीने में कच्ची चीजें खाने से परहेज करें.
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– दही का प्रयोग करना पूर्ण रूप से वर्जित है.
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– इस महीने में रक्तचाप बढ़ने की सम्भावना होती है, इसका ध्यान रखना चाहिए.
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– शीतल जल से दोनों वेला स्नान करें, ताकि आलस्य दूर हो पाए.
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– भगवान कृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना चाहिए.
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– तुलसी दल को चाय या दूध में उबालकर पीना अच्छा होगा.
भाद्रपद महीने में कई तीज और त्योहार पड़ते हैं, इसलिए हिन्दू कैलेंडर का ये छठा महीना कई तरह से खास है. ये महीना शुक्रवार 1 सितंबर से शुरू हो गया है. वहीं 29 सितंबर दिन शुक्रवार तक रहेगा. इस दिन भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि है, जो कि इस महीने का आखिरी दिन होता है. इस महीने की पूर्णिमा पर आकाश में पूर्वा या उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का योग बनने से इस माह का नाम भाद्रपद है. ये चातुर्मास के चार पवित्र महीनों का दूसरा महीना भी है. पवित्र चातुर्मास के अंतर्गत आने से ग्रंथों के अनुसार इस महीने में कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी है.
पंचगव्य का सेवन करें
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शारीरिक शुद्धि या सुंदरता के लिए संतुलित मात्रा में पंचगव्य (दूध, दही, घी गोमूत्र, गोबर) का सेवन करें.
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वंश वृद्धि के लिए नियमित दूध पीएं.
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पापों के नाश व पुण्य प्राप्ति के लिए एकभुक्त (एक समय), अयाचित (बिना मांगा) भोजन या सर्वथा उपवास करने का व्रत लें.
भाद्रपद मास में इन चीजों का त्याग करें
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– मधुर स्वर के लिए गुड़ का त्याग करें.
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– लंबी उम्र के लिए व पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति के लिए तेल का.
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– सौभाग्य के लिए मीठे तेल का.
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– स्वर्ग प्राप्ति के लिए पुष्पादि भोगों का.
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– पलंग पर सोना, भार्या का संग करना, झूठ बोलना, मांस, शहद और दूसरे का दिया दही-भात आदि का भोजन करना, हरी सब्जी, मूली एवं बैंगन आदि का भी त्याग कर देना चाहिए.
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क्या सीखना चाहिए इस महीने से
भाद्रपद चातुर्मास के चार पवित्र महीनों का दूसरा महीना है. चातुर्मास धार्मिक और व्यावहारिक नजरिए से जीवनशैली में संयम और अनुशासन अपनाने का काल है.
भाद्रपद मास में हिन्दू धर्म के अनेक बड़े व्रत, पर्व, उत्सव भी मनाए जाते हैं. जैसे…
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04 सितंबर 2023 दिन सोमवार – रक्षा पंचमी, शुक्र मार्गी.
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05 सितंबर 2023 दिन मंगलवार – हल षष्ठी,ललही छठ,
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06 सितंबर 2023 दिन बुधवार- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी.
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07 सितंबर 2023 दिन गुरुवार- गोकुलाष्टमी, नन्दोत्सव, सन्त ज्ञानेश्वर जयन्ती.
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08 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार- गोगा नवमी, गन्धर्व नवमी, पौराणिक अगस्त्योत्सव.
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10 सितंबर 2023 दिन रविवार- जया एकादशी व्रत सबका.
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11 सितंबर 2023 दिन सोमवार- अघोर द्वादशी, प्रदोष व्रत.
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12 सितंबर 2023 दिन मंगलवार- भीष्म प्रदोष व्रत. ऋणापकरण हेतु श्रेष्ठ दिन.
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13 सितंबर 2023 दिन बुधवार- मासिक शिवरात्रि. अघोर चतुर्दशी.
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14 सितंबर 2023 दिन गुरुवार- स्नान दान श्राद्ध की कुशोत्पाटिनी अमावस्या.
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ओम हुं फट् मन्त्र से कुशोत्पाटन करें.
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15 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार- स्नान दान की अमावस्या. बुध मार्गी.
भाद्रपद शुक्ल पक्ष
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17 सितंबर 2023 दिन रविवार- वाराहवतार, विश्वकर्मा जयन्ती.
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18 सितंबर 2023 दिन सोमवार- हरतालिका तीज गौरी तृतीया.
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19 सितंबर 2023 दिन मंगलवार- वैनायकी चतुर्थी. गणेशोत्सव शुरू.
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20 सितंबर 2023 दिन बुधवार- ऋषि पंचमी , गुरू पंचमी.
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21 सितंबर 2023 दिन गुरुवार- लोलर्क षष्ठी, कार्तिकेय दर्शन, सूर्य षष्ठी व्रत.
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23 सितंबर 2023 दिन शनिवार- राधाष्टमी. विषुव दिवस.
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24 सितंबर 2023 दिन रविवार- श्रीचंद्र नवमी. महानन्दा नवमी. अदु:ख नवमी. तालनवमी (बंगाल).
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25. सितंबर 2023 दिन सोमवार- पद्मा एकादशी (स्मार्तो), डोल ग्यारस.
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26 सितंबर 2023 दिन मंगलवार- वैष्णवो की एकादशी, वामनावतार. श्रवण द्वादशी. श्रीविष्णु परिवर्तनोत्सव,शक्रध्वजोत्थापन, पंचक प्रारम्भ.
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27 सितंबर 2023 दिन बुधवार- प्रदोष व्रत. सूर्य हस्त नक्षत्र में.
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28 सितंबर 2023 दिन गुरुवार- अनन्त चतुर्दशी. व्रत की पुर्णिमा. बारावफात.
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29 सितंबर– स्नान दान की पूर्णिमा, उमा महेश्वर व्रत.
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नंदी माता श्राद्ध, महालयारम्भ.
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जानें भाद्रपद मास क्यों इतना खास
इन पर्व-उत्सवों ने सदियों से भारतीय धर्म परंपराओं और लोक संस्कृति को समृद्ध किया है. हिंदू धर्म परंपराओं में इस माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कर्म का संदेश देने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है, तो शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को प्रथम पूज्य देवता श्रीगणेश का जन्मोत्सव होता है. इस प्रकार यह मास कर्म और बुद्धि के संतुलन और साधना से जीवन में सफलता पाने का संदेश लेकर भी आता है.